गांधीनगर. गुजरात सरकार ने कहा कि अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा- लोग लंबे समय से अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग पर हम विचार कर रहे हैं। सलाह ली जा रही है कि क्या हम कानूनी तौर पर ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नाम का बदलाव 2019 लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकता है। इस बीच, तेलंगाना के भाजपा विधायक राजा सिंह ने कहा कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आई तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर देंगे।
कर्णावती नाम गौरव का प्रतीक- उप-मुख्यमंत्री
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा- अहमदाबाद नाम गुलामी का प्रतीक है। इसे बदलने की आवश्यकता है। हमने कानूनी और दूसरी मंजूरियां लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जैसे कि केंद्र की मंजूरी। कर्णावती नाम हमारे गौरव, आजादी और हमारी संस्कृति को दर्शाता है। सबकुछ सही चला तो हम ऐसा कर देंगे।
अहमदाबाद की मेयर बिजल पटेल ने कहा कि अहमदाबाद का नाम बदलने से पहले हमें सरकार के मार्गदर्शन की आवश्यकता है। निश्चित तौर पर नाम बदलने की मांग चल रही है।
क्या कहता है इतिहास
अहमदाबाद की म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की वेबसाइट के मुताबिक, राजा कर्णदेव प्रथम सोलंकी वंश के शासक थे। उन्होंने साबरमती के किनारे कर्णावती शहर बसाया था। इस शहर की स्थापना 11वीं सदी में भील राजा आशापाल को हराने के बाद की गई थी। 13वीं सदी में गुजरात पर दिल्ली के सुल्तानों का शासन हो गया। 14वीं सदी में अहमद शाह ने दिल्ली के शासकों से विद्रोह कर कर्णावती के पास अहमदाबाद बसाया था। 15वीं सदी में अकबर का शासन गुजरात प्रांत पर हो गया। अहमदाबाद में मुगल शासन का अंत 1753 में हुआ, जब मराठा सेनापतियों रघुनाथ राव और दामाजी गायकवाड़ ने यहां कब्जा किया। 1818 में अहमदाबाद पर ब्रिटिश शासन हो गया था।
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