19वीं वैबबैठक में नाद योगी आचार्य अनुपम राय ने एकल तबला वादन पेश किया
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।
प्राचीन कला केन्द्र कोविड-19 के संदर्भ में सरकार द्वारा जारी जनहित घोषणाओं के तहत संगीत प्रेमियों को कला जगत के जाने माने प्रतिभाशाली एवं युवा सभी आयु वर्ग के कलाकारों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है । इसी के तहत अब तक प्राचीन कला केन्द्र द्वारा 19वीं वैबबैठकों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है । केन्द्र की 19वीं बैठक का सीधा प्रसारण केन्द्र के यूट्यूब चैनल तथा फेसबुक तथा ट्विटर पेज पर किया जा रहा है । जिसमें मुम्बई के जाने माने तबला वादक एवं गुरू आचार्य अनुपम राय ने अपने तबला वादन से दर्शकों को संगीत से सरोबर किया ।पंडित अनुपम राय न सिर्फ एक तबला वादक हैं बल्कि शास्त्रीयसंगीत,कत्थक,नृत्य,तंत्रवाद्य,साहित्य एवं अध्यात्म जैसे विषयों पर भी उनकी विशेष पक है । उनकी असाधारण क्षमता इस बात से पता लगती है कि उन्होंने संगीत,नृत्य,साहित्य,साईंस,योगा जैसे विषयों पर 87 से ज्यादा शोध कार्य किए हैं और इसके अलावा इनकी 70,000 रचनाएं जो कि नृत्य,संगीत,वाद्य से जुड़ी हैं । अपने आप में एक विशेष उपलब्धि है अनगिनत पुरस्कारों एवं अवार्डो से सम्मानित अनुपम राय ने तबला वादन की विधिवत शिक्षा अपने गुरूओं श्री लाल जी श्रीवास्तव,श्री चंद्र भान किशोर श्रीवास्तव एवं श्री भवन प्रकाश श्रीवास्तव से प्राप्त की । अनुपम राय ने न सिर्फ जाने माने कलाकारों से संगत की बल्कि एक प्रस्तुतियों से भी देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी विशेष पहचान बनाई है । आज के कार्यक्र की शुरूआत पंडित अनुपम राय ने रूद्र ताल में निबद्ध उठान से की । उपरांत उन्होंने पेशकार प्रस्तुत किया । कार्यक्रम को आगे बताते हुए इन्होंने फार्रूखाबाद एवं बनारस वाणी में कायदे पेश किए । उपरांत जोका टुकड़े,अनागत की गतें एवं चक्रदार नवक्का पेश किया । इस खूबसूरत कार्यक्रम में पंडित अनुपम राय ने कमाली चक्रदार एवं फरमाईशी चक्रदार में फार्रूखाबाद एवं स्वयं रचित परन एकहत्थी पेश की ।कार्यक्रम के अंत में कमाली चक्रदार में ढाई मात्रा में निबद्ध खास रचनाएं पेश करके दर्शकों को वशीभूत कर दिया । इनके साथ हारमोनियम में इनके सुपुत्र श्री अनुरत्न राय ने बखूबी संगत की जो कि स्वयं भी एक प्रतिभाशाली कलाकार है ।