न्यूज डेस्क। कर्नाटक का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। मामला सेक्शुअल फेवर मांगने का है। कर्नाटका के दवनगेरे शहर में एक महिला ने बैंक मैनेजर को बीच सड़क पर पीटा, क्योंकि वो लोन देने के लिए महिला से सेक्शुअल फेवर मांग रहा था। महिला 15 लाख रुपए का लोन चाहती थी। बैंक मैनेजर के सेक्शुअल फेवर मांगने पर महिला ने कॉलर पकड़कर पहले उसे डंडे से पीटा। इसके बाद चप्पल से पिटाई की। थप्पड़ और लातें भी मारीं। अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, जब बैंक अधिकारियों द्वारा ग्राहकों को बेवजह परेशान किया जाता है। हमने इस बारे में असिस्टेंट जनरल मैनेजर (रिटायर्ड) गोपाल राठौर से बात कर जाना कि ऐसा किसी ग्राहक के साथ हो तो उसके क्या अधिकार होते हैं और ऐसा करने वाले को कैसे सजा दिलाई जा सकती है। साथ ही बैंक में ग्राहक के क्या अधिकार होते हैं, यह भी जानिए।
बैंक में कोई बदतमीजी करे या कोई डिमांड रखे तो यहां करें शिकायत
– बैंक में यदि कोई आप से बदतमीजी करता है या किसी तरह की डिमांड करता है तो आप इसकी शिकायत बैंक के ही शिकायत निवारण सेल में कर सकते हैं।
– हर राज्य की राजधानी में आरबीआई का ऑफिस होता है। इस ऑफिस में बैंकिंग लोकपाल भी बैठते हैं। आप लोकपाल से भी इस तरह की शिकायत कर सकते हैं।
– इसके अलावा आप कंज्युमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कंज्युमर कोर्ट में भी शिकायत कर सकते हैं।
– किसी तरह का सेक्शुअल फेवर मांगा गया है या धमकी दी गई है तो पुलिस थाने में संबंधित बैंक अधिकारी-कर्मचारी की शिकायत कर सकते हैं।
– लोन देने के लिए कोई फील्ड ऑफिसर झूठ बोल रहा है या परेशान कर रहा है तो सीनियर मैनेजर से उसकी शिकायत कर सकते हैं।
– हर बैंक में एजीमी का नंबर चस्पा होता है। ऐसी किसी कंडीशन में आप सीधे एजीएम को भी इसकी शिकायत कर सकते हैं।
– बैंकिंग लोकपाल को ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
नंबर-1: अकाउंट खोलने का अधिकार
बीएसबीडी यानी बेसिक या छोटा खाता हर व्यक्ति का अधिकार है। एक फोटो और बैंक के खाता खोलने के फार्म पर हस्ताक्षर करके या अंगूठा लगाकर इसे खोला जा सकता है। इस खाते में लेन-देन की सीमा है। हालांकि कोई भी बैंक केवल पर्मानेंट पते के सबूत के अभाव में देश के किसी भी इलाके में रहने वाले भारतीय नागरिक का खाता खोलने से इनकार नहीं कर सकता।
नंबर-2: डिपॉजिट खातों की विशेष शर्तों की जानकारी पाने का हक
बैंकों के लिए ज़रूरी है कि वे डिपॉजिट खातों की विशेष शर्तों की जानकारी ग्राहकों को खाता खोलने के समय दें। यह किसी भी ग्राहक का हक है। अगर बैंक ऐसा नहीं कर रहे हैं तो आप शिकायत कर सकते हैं।
नंबर-3: शून्य राशि पर भी बंद नहीं हो सकता खाता
बीएसबीडी खाते में अगर राशि शून्य हो गई है तो भी बैंक आपका खाता बंद नहीं कर सकते हैं। साथ ही मिनिमम अमाउंट के नाम पर किसी तरह का जुर्माना लगाने का अधिकार भी उनके पास नहीं है।
नंबर-4: मुफ्त में दोबारा खाता चालू करना
बैंक के खाते को दोबारा चालू कराने के लिए बैंक आपसे कोई फीस नहीं ले सकता है। अगर लेता है तो यह गलत है।
नंबर-5: फटे-पुराने नोट बदलवाना
अगर आपको कहीं से फटा या पुराना नोट मिल गया है तो आप बैंक की किसी भी शाखा में जाकर अपने फटे/पुराने नोट बदल सकते हैं। बैंक नोट बदले से इनकार नहीं कर सकते हैं।
नंबर-6: शिकायत करने का अधिकार
अगर आप बैंक की किसी सेवा से संतुष्ट नहीं है, तो आप बैंक के शाखा अधिकारी या टॉल फ्री नम्बर पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई कर्मचारी आपसे अभद्रता करता है तो इसकी शिकायत भी की जा सकती है। हर बैंक ब्रांस में शिकायत सुनने वाले अधिकारी का नाम व पता लिखा होता है। अधिकारी को आपकी शिकायत की रिसिप्ट कॉफी भी देनी होती है।
नंबर-7 : बुज़ुर्ग/विकलांग की एक ही विंडो पर हर सर्विस
बुज़ुर्ग/विकलांग लोगों को एक ही खिड़की (जगह) पर सारी सुविधाएं देना बैंकों के लिये ज़रूरी है।
नबंर-8: फंड ट्रांसफर का अधिकार
कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए 50,000 रुपए तक रकम किसी अन्य बैंक खाते में जमा करा सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि संबंधित बैंक में उस व्यक्ति का खाता हो।
नबंर-9: चेक कलेक्शन में देरी पर मुआवजा
चेक कलेक्शन में बैंक की तरफ से निर्धारित समय से ज्यादा वक्त लगने पर ग्राहकों को मुआवजा पाने का अधिकार है। मुआवजे की रकम साधारण ब्याज दर के हिसाब से चुकाई जाएगी।
नबंर-10: सिक्योरिटी वापस लेने का हक
यदि किसी ग्राहक ने बैंक से लोन लिया है, जिसके लिए सिक्योरिटी दी है तो इस मामले में पूरी देनदारी चुकाए जाने के 15 दिन के भीतर सिक्योरिटी वापस मिलनी चाहिए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today