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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हिंदी में लिखा था टोल प्लाजा का साइन बोर्ड, कालिख पोती, पंजाबी भाषा न लिखी होने के विरोध

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  • इन लोगों द्वारा उक्त टोल प्लाजा पर मौजूद कर्मचारियों को बुलाया गया, लेकिन कोई भी उनसे बात करने को तैयार ना था
  • इस संबंध में किसी को भी जानकारी नहीं थी कि उक्त कालिख पोतने वाले लोग कौन थे

Dainik Bhaskar

Oct 14, 2019, 07:57 AM IST

खरड़. खरड़-मोरिंडा हाईवे पर गांव भागो माजरा के निकट नए स्थापित होने वाले टोल प्लाजा के दिशा-निर्देश साइन बोर्डों में पंजाबी भाषा न लिखी होने के विरोध में पंथक विचार मंच के सदस्यों द्वारा इस बोर्ड पर चढ़कर हिंदी में लिखे अक्षरों पर कालिख पोत कर विरोध किया।

रविवार सुबह करीब 11 बजे गांव संते माजरा एवं भागों माजरा से संबंधित करीब 25 लोग उक्त टोल प्लाजा के निकट एकत्रित हुए, जिनमें अधिकार युवा वर्ग के लोग थे। इन लोगों द्वारा उक्त टोल प्लाजा पर मौजूद कर्मचारियों को बुलाया गया, लेकिन कोई भी उनसे बात करने को तैयार ना था। इतने में हाईवे से गुजरते हुए एक टिप्पर को रोका गया, जिसके ऊपर हाईवे बनाने वाली कंपनी की पास ही रखी सीढ़ी को टिप्पर पर चढ़ाकर उसके सहारे से नौजवान उक्त ऊंचे साइन बोर्ड पर चढ़ गए और हिंदी में लिखे अक्षरों पर कालिख पोती गई।

उपरांत शांतमय ढंग से वह लोग वापिस आ गए। इस दौरान कंस्ट्रक्शन कंपनी के किसी भी कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी ने इन लोगों को रोकने का प्रयास नहीं किया। हांलाकि इस संबंध में किसी को भी जानकारी नहीं थी कि उक्त कालिख पोतने वाले लोग कौन थे। लेकिन कुछ समय बाद ही पंथक विचार मंच के प्रधान बन जीत सिंह खासला ने उक्त कार्य के जिम्मेदारी ले ली। जिन्होंने कहा कि उनकी संस्था के सदस्यों ने ही उनकी अध्यक्षता उक्त कार्यों का अंजाम दिया है।

मंच के प्रधान बोले-हम अमित शाह की विचारधारा से सहमत नहीं हैं

पंथक विचार मंच के प्रधान बलजीत सिंह खालसा ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दिया कि सारे देश में एक ही भाषा चलेगी। जिनकी विचारधारा से वह सहमत नहीं हैं। कहा कि वह पंजाब में पंजाबियत को खत्म नहीं होने देंगे। उनके द्वारा 2 अक्टूबर को इस संबंध में प्रशासन को चेतावनी दी थी कि उक्त टोल प्लाजा पर हिंदी में दिशा निर्देश लिखे जा रहे हैं जो कि गलत है वह इसका विरोध करेंगे। पंजाब में पंजाबी भाषा ही हानी चाहिए। इस संबंध में उनके द्वारा कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से भी बात की गई थी, लेकिन उनके द्वारा भी इस मामले में कोई इनीशिएटिव नहीं लिया गया, जिस कारण उन्हें खुद ही इन कार्यों को अपन हाथ में लेना पड़ा। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व में चंडीगढ़ व पंजाब के सरकारी कार्यालयों के बोर्ड पंजाबी भाषा में करवाने के लिए भी उनके द्वारा संघर्ष चलाया गया था तब भी उनके द्वारा अकेले ही सरकारी कार्यालयों के हिंदी व अंग्रेजी में लिखे बोर्डों पर कालिख पोती गई थी। उन्होंने कहा कि जब उन्हें इस बात की सूचना प्राप्त हुई कि उक्त नए बन रहे टोल प्लाजा पर हिंदी में साइन बोर्ड लिखे गए है तो उन्हें कई लोगों ने विरोध दर्ज करवाया। दूसरी ओर इस संबंध में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर केएल सचदेवा ने कहा कि उक्त जो भी कार्रवाई हुई है वह गलत हुई। जिस संबंध में विभाग द्वारा सख्त नोटिस लिया जाएगा। पब्लिक प्रापर्टी को क्षति पहुंचाने का किसी को अधिकार नहीं है जोकि गैर कानूनी है। ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी।