प्रेस विज्ञप्ति
हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सौजन्य से द्वितीय हरियाणा ई- कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया इसमें अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिये “भारत का अभिमान है हिंदी” इस विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें हरियाणा के दस जाने माने प्रसिद्ध साहित्यकारों ने हिंदी के गौरव गांव पर अपनी-अपनी रचनाएं सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक प्रोफ़ेसर सौभाग्य वर्धन जी ने बताया हर महीने के दूसरे रविवार को हरियाणा के साहित्यकारों के लिए अलग-अलग विषयों पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाता है इस महीने कि काव्य गोष्ठी हिंदी उत्सव के रूप में मनाई गई जिसमें डॉ प्रतिभा माही ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और इसका संचालन श्रीमती नीलम त्रिखा ने किया इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले साहित्यकारों के नाम इस तरह से हैं श्री भारत भूषण वर्मा करनाल ,डॉ प्रद्युमन भल्ला कैथल, श्री जय भगवान सिंगला कुरुक्षेत्र, डॉ प्रतिभा ‘माही’,श्रीमती शीला गहलावत ‘सीरत’ श्रीमती नीलम त्रिखा, श्रीमती नीरू मित्तल ‘नीर’, श्रीमती आभा मुकेश साहनी, श्री देवदत्त देव हिसार ,श्री बालकृष्ण गुप्ता। एनजड़सीसी के निदेशक प्रोफेसर सौभाग्य वर्धन जी ने बताया कि हरियाणा ही नहीं एनजेडसीसी के अंतर्गत आने वाले सभी आठ राज्यों में इस तरह के ऑनलाइन कार्यक्रम चलाए हुए हैं जिसमें हर तरह के कलाकार चाहे वह चित्रकला हो शिल्प कला हो संगीतकार हो साहित्यकार, नाटककार हो सभी को उनकी प्रतिभा को देश के सामने लाया गया है और इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण फेसबुक पर यूट्यूब के माध्यम से किया जाता है जिसमें सभी देशवासी अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं अपनी संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए एनजेडसीसी सभी प्रतिभावान कलाकारों को ऑनलाइन के माध्यम से मौका दे रहे हैं। कोविड-19 को लेकर स्टेज पर होने वाले सभी कार्यक्रम स्थगित है क्योंकि ऐसे कार्यक्रम में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है इसलिए कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए सभी कार्यक्रम ऑनलाइन के माध्यम से ही किए जा रहे हैं।
अपनी मातृभाषा हिंदी का गौरव गान करते हुए डॉ प्रतिभा माही ने अपनी रचना में कुछ यूं कहा
आओ गाये हिंदी गान राष्ट्र धर्म की है पहचान…
वही नीलम त्रिखा ने कुछ इस तरह से अपनी रचना में मातृभाषा का गौरव गान किया
बलिहारी जाऊं तुम हाथ हिंदी हमारी है…
शीला गहलावत सीरत ने प्रथम गुरु मां ,जिसने मुझे जन्म दिया…
नीरू मित्तल नीर ने
हिंदी ही मान है सम्मान है…
श्री बालकृष्ण गुप्ता ने
मैं ऋणी हूं राजभाषा हिंदी का…..
श्री जयभगवान सिंगला जी ने
आज खुशियों वाला दिन आया. .
श्रीमती आभा मुकेश साहनी ने
आज मुझसे हिंदी में एक सवाल जो किया..
श्री प्रद्युमन भल्ला जी ने कहने को आसान है हिंदी….
श्री भारत भूषण वर्मा ने
हिंदी भाषा की महानता….
श्री देवदत्त जी ने भारत का गौरव गान है हिंदी …सुनाया।
सभी साहित्यकारों ने अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए सभी को प्रेरित किया वह अपने सभी कार्य हिंदी में ही निपटाने का आग्रह किया।
Mirror 365 - NEWS THAT MATTERSDear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com
Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020