चंडीगढ़। जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने SSP चरणजीत सिंह समेत कुछ और पुलिसकर्मियों पर हुई जांच की स्टेटस रिर्पोट मांगी है। इससे पूर्व 20 सितंबर को बेअदबी मामलों को लेकर कैप्टन सरकार द्वारा गठित रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 2 रिटायर्ड एसएसपी चरणजीत सिंह, रघुबीर सिंह व थाना बाजाखाना के रिटायर्ड एसएचओ अमरजीत सिंह पर शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। यह रोक जारी रहेगी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
गुरुवार को हाईकोर्ट में केस की सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब सरकार ने इन अफसरों पर कार्रवाई को लेकर लगाई रोक हटाने की मांग की। सरकार द्वारा मुख्य रूप से कहा गया कि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन जस्टिस जोरा सिंह कमीशन का सब्सीट्यूट नहीं है बल्कि अलग कमीशन है। वहीं एक्ट के तहत सेक्शन-8बी की पालना की गई थी और पुलिसकर्मियों को अपना पक्ष रखने का वक्त दिया गया था। पहला कमिशन अपनी रिपोर्ट पेश करने के साथ अपने आप ही खत्म हो गया था। याची पक्ष के वकील संत पाल सिंह सिद्धू ने कहा कि वह सरकार के जवाब पर अपना जवाब देंगे। इस मुख्य केस में अब 14 नवंबर को सुनवाई होगी।
असल में पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहबल कलां गोली कांड में मारे गए कृष्ण भगवान सिंह के परिजनों ने भी मामले में पार्टी बनने के लिए अर्जी दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि कि याची पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न रोकी जाए, जिनका नाम दोनों कमिशन्स की रिपोर्ट में था, जबकि उन्हें पार्टी बनाए जाने का याची पक्ष ने विरोध किया और कहा कि उन्होंने कमीशन की रिपोर्ट को तकनीकी आधारों पर चुनौती दे रखी है और मृतक के परिवार का इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं बनता। हालांकि हाईकोर्ट ने दायर अर्जी पर याची पक्ष व पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था।
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