चंडीगढ़, 08 जुलाई: पंजाब सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने फ़ैसला किया है कि राज्य के गाँव का विकास अब जालंधर जि़ले के गाँव हरीपुर और सीचेवाल के विकास मॉडल के आधार पर किया जायेगा। राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने विभाग के सीनियर अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि इन गाँवों का दौरा करके यहाँ के विकास मॉडल के सभी तकनीकी पहलूओं को बारीकी से समझा जाये जिससे इसको दूसरे गाँवों में भी लागू किया जा सके।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के वित्त कमिश्नर अनुराग वर्मा ने इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण विकास मंत्री के दिशा निर्देशों के अंतर्गत विभाग के अधिकारियों और पंचायती राज इंजीनियरों द्वारा इन गाँवों का दौरा करने के बाद इस मॉडल के आधार पर एक प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसके सभी अहम पहलूओं को विचारने के बाद इस पर अमल शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग के सभी अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर विकास, डिप्टी डायरैक्टर, डी.डी.पी.ओ और कार्यकारी इंजीनियारों को इस गाँव का दौरा करने की हिदायत की गई हैे।
श्री वर्मा ने बताया कि 2000 लोगों की आबादी और 450 घरों वाले गाँव हरीपुर में पंजाब सरकार और नगर निवासियों के सहयोग से गाँव में सिवरेज डालने और गलियों में सीमेंट कंक्रीट के इंटरलॉकिंग पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य करवाया जा रहा है। पंजाब सरकार द्वारा गाँव की गलियां पक्की करने के लिए 11.00 लाख रु. का अनुदान और गाँव वासियों और विदेशों में बसे व्यक्तियों द्वारा योगदान के तौर पर 1.29 करोड़ रपए की राशि ख़र्च की गई है।
तकरीबन 60 लाख रुपए की लागत से आर.सी.सी.पाईपों के साथ गाँव में डाले जा रहे सिवरेज की लाईन में 100 फुट की दूरी पर मैन होल बनाऐ गए हैं। सीवर लाईन को बंद होने से बचाने के लिए इसमें डालने से पहले घरों के गंदे पानी को सैप्टिक टेंक और इंस्पैक्शन चेंबर में से गुज़ारा जाता है जिससे कोई सॉलिड वेस्ट, तिनके और लिफ़ाफ़े आदि बाहर बनी हौदी में न आएं।
तकरीबन 1 एकड़ आकार के छप्पड़ को दो हिस्सों में बाँटकर एक हिस्से में बरसाती पानी और दूसरे हिस्से में सिवरेज के पानी को सुधारने के बाद डाला गया है। सीचेवाल मॉडल के आधार पर बने सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गंदा पानी स्क्रीनिंग चेंबर से गुजऱता हुआ पहले कीचड़ अलग करने वाले कुएं में जाता है और फिर दूसरे कुएं में लेजाकर इसमें से तेल और तैरने वाला कचरा अलग कर दिया जाता है। इसके बाद पनी तल बराबर करने वाले तीसरे कुएँ में आता है और इसके बाद पानी ट्रीट होकर छप्पड़ में गिरता है। सूरज की किरणें और कुदरती आक्सीजन से इतना साफ़ हो जाता है कि खेतों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल करा जा सकता है।
गाँव के इन छप्पड़ों के आस -पास पेवर ब्लॉक लगाकर लोगों के लिए सैरगाह बनाई गई है जिसमें जगह जगह पेड़ भी लगे हुए हैं। छप्पड़ों की ढलानों और गलियों में से उखाड़ी गई ईंटों से बारीक लाईनिंग करवाई गई है। बरसात के पानी के निकास के लिए छप्पड़ से तकरीबन 100 फुट पहले इंस्पैक्शन चेंबर बनाया गया है जिसमें बरसात का पानी इक_ा करके पाईपलाईन के द्वारा बरसाती छप्पड़ में जाता है। बरसात का पानी गलियों के फर्श के उपर से कुदरती बहाव के साथ इंस्पैक्शन चेंबर में इक_ा होता है।
गाँव की गलियों के तकरीबन एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र में पेवर ब्लॉक लगाए जा रहे हैं जिस पर लगभग 52.00 लाख रुपए का ख़र्च आएगा और अब तक 40.00 लाख रपए ख़र्च किये जा चुके हैं। गाँव वासियों द्वारा एक ट्रैक्टर-ट्रॉली खऱीदी गई है जिसमें सभी घरों का कूड़ा-कर्कट इक_ा करके गाँव के बाहर सांझी जगह पर डिस्पोज़ किया जाता है। गाँव की फिरनी पर 11.00 लाख रुपए की सरकारी अनुदान से पेवर लगाए गए हैं।
इसी तरह उन्होंने बताया कि बाबा बलवीर सिंह सीचेवाल और गाँव वासियें की तरफ से गाँव सीचेवाल में विकास कार्य बड़े ही सभ्यक ढंग से करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुदरती स्रोतों के इस्तेमाल से पानी को साफ़ करने और सीवरज का बहुत ही बढिय़ा प्रबंध इस गाँव में किया गया है।
श्री वर्मा ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा इन गाँवों का खुद दौरा करके आए हैं और इन गाँवों में हुए विकास कार्यों से बहुत ही प्रभावित हुए हैं। जिसके बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने विभाग के सभी अधिकारियों को इन गाँवों के विकास मॉडल को देखने और जाँचने के लिए कहा है जिससे पंजाब के समूचे गाँवों का विकास इन गाँवों की तजऱ् पर किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पंचायत मंत्री ने समूची पंचायतों को भी अपील की है कि इन गाँवों का दौरा करके इन गाँवों में हुए विकास कार्यों से शिक्षा लेकर अपने गाँवों का विकास करें।