चंडीगढ़, 30 जलाई- हरियाणा सरकार ने स्कूली बच्चों के सुरक्षित आवागमन के लिए सुरक्षित स्कूल वाहन नीति बनाई है। स्कूल बसों पर सडक़ दुर्घटना हेल्पलाइन नम्बर 1073 और बाल हेल्पलाइन नम्बर 1098 लिखना अनिवार्य किया गया है। वर्ष 2018-19 के लिए सरकार द्वारा हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष के रूप में 31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
यह जानकारी परिवहन मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने आज यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि यातायात को नियंत्रित करने के लिए 1577 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी तैनात किए गए हैं। 23 यातायात पुलिस थानों को एम्बुलेंस, इंटरसेप्टर क्रेन, पुलिस जिप्सी, मोटर साइकिल, एल्को सेंसर, कैमरे आदि मुहैया करवाए गए हैं। दुर्घटना पीडि़तों को सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर 45 यातायात सहायता बूथ स्थापित किए गए हैं। आपातकालीन देखभाल के लिए राज्य में 7 ट्रॉमा केयर सेन्टर कार्यरत हैं। भविष्य में 13 और ट्रॉमा केयर सेन्टर स्थापित करने का प्रस्ताव है। सडक़ दुर्घटनाओं तथा आपातकालीन सेवाओं के मामले में स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नम्बर 108 पर 382 एम्बुलेंस और पुलिस विभाग के टोल फ्री नम्बर 1073 पर 43 एम्बुलेंस उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा नीति की तर्ज पर प्रदेश में नई राज्य सडक़ सुरक्षा नीति-2016 बनाई गई है। राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद् तथा जिला सडक़ सुरक्षा समितियों का पुनर्गठन किया गया है। हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष नियम, 2018 के तहत हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष बनाया गया है। इसके अंतर्गत प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कम्पाउंडिंग फीस के रूप में एकत्र की गई 50 प्रतिशत राशि का उपयोग सडक़ सुरक्षा कार्यों के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाने तथा जनसाधारण को सडक़ सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा कई उपाय किए गए हैं। विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यपुस्तकों में सडक़ सुरक्षा शिक्षा से संबंधित सामग्री शामिल की गई है। सभी महाविद्यालयों और अधिकतर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सडक़ सुरक्षा क्लब स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में सडक़ सुरक्षा पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, घोषणा प्रतियोगिता, चित्रकारी प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, संगोष्ठियां और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि नागरिकों को प्रशिक्षण देने के लिए फरीदाबाद, गुरुग्राम, सिरसा, पंचकूला, करनाल और कैथल में छह यातायात पार्क स्थापित किए गए हैं। प्रति वर्ष राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कोश के प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कोश प्रबंधन समिति गठित की गई है। वर्ष 2018-19 के लिए सरकार द्वारा हरियाणा सडक़ सुरक्षा कोष के रूप में 31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सडक़ सुरक्षा बढ़ाने और चालक प्रशिक्षण के लिए बहादुरगढ़, रोहतक और कैथल में तीन चालक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित किए हैं। इन संस्थानों द्वारा वर्ष 2016-17 में 52,564 तथा वर्ष 2017-18 में 72,568 चालकों को प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने मुख्य बस अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू किया है जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ा कदम है। इसके अलावा, 41 बस-अड्डों पर ऑडियो-वीडियो कम्प्यूटरीकृत यात्री सूचना प्रणाली शुरू की गई है। पायलट आधार पर 400 बसों में जीपीएस आधारित व्हीकल-ट्रैकिंग सिस्टम शुरू किया गया है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान इसे हरियाणा रोडवेज की सभी बसों में लगाने का प्रस्ताव है। शुरुआती चरण में गुडग़ांव, रेवाड़ी व दिल्ली डिपुओं की बसों में जी.पी.एस. आधारित व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि बस चलाते समय यदि कोई ड्राइवर मोबाइल पर बात करता हुआ मिलता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री राजीव जैन, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री धनपत सिंह, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीर पाल सरो, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त श्री वीरेन्द्र दहिया, संयुक्त परिवहन आयुक्त श्री सम्वर्तक सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।