चंडीगढ़। हरियाणा के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने तथा उन्हें नागरिक शास्त्र के बारे में प्रोजैक्ट पर आधारित शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से देश अपनायें सहयोग फाउंडेशन ने नेशनल इंडीपेंडेंट स्कूल अलायंस (नीसा) ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके अंर्तगत नीसा के स्कूलों में नागरिक और नागरिक शिक्षा का प्रसार होगा जिससे प्रदेश के युवाओं को सजग, सूचित और सक्रिय नागरिक बनाया जा सकेगा।
आज चंडीगढ़ मेंं एक प्रेस कांफ्रैंस के दौरान इस एमओयू पर नीसा की ओर से अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा जबकि ‘देश अपनाए सहयोग फांउडेशन’ की प्रोग्राम प्रमुख दीपा नटराजन ने किए। इस एमओयू के प्रावधानों में भाग ले रहे स्कूलों की टीचरों को प्रशिक्षण के दायरे में लाकर ‘देश अपनाए’ प्रोग्राम को लागू कर विभिन्न शैक्षिक तत्वों और आधुनिक विधियों से अवगत करवाना है।
यह सांझेदारी इन टीचरों को उनकी प्रोफेशनल डिवलपमेंट और कैरियर ग्रोथ में अत्यंत सहायक होगी। इस अवसर पर बोलते हुए नीसा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि भारतीय स्कूली शिक्षा में यह एक ऐतिहासिक दिन है जहां नीसा ने देश के भावी नागरिकों के लिये एक जिम्मेदाराना बीड़ा उठाया है तथा जिसके अंर्तगत स्कूली विद्यार्थी फांउडेशन के रोचक प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे और अपने जीवन में व्यापक बदलाव पांएगे। प्रथम चरण में यह प्रोग्राम हरियाणा के 500 निजी स्कूलों में चलाया जा रहा है। नीसा एक ऐसा प्लाटफार्म है जो देश भर 21 राज्यों में 55 हजार से भी अधिक निजी स्कूलों के करीब दस मिलियन विद्यार्थियों और टीचरों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है।
देश अपनाएं सहयोग फांउडेशन की प्रोग्राम प्रमुख दीपा नटराजन ने इस अवसर पर बताया कि हमें नीसा के साथ इस नेक कार्य को बढ़ाते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है जो कि स्कूली बच्चों और टीचरों के लिए उनके कैरियर की दृष्टि से अत्यंत सार्थक होगा और शिक्षा का स्तर बढ़ाने में सहायक होगा। देश अपनाएं सहयोग फांउडेशन एनम ग्रुप के चेयरमैन और सहसंस्थापक वल्लभ भनशाली ने स्थापित की थी। स्कूलों के साथ सांझेदारी कर यह स्वयं सेवी संगठन युवा नागरिकों के माईंडसेट में प्रगति के प्रति बदलाव लाती है जिससे देश विकास की राह पर चले। इस फांउडेशन के तीन स्तंभ है जिसमें सिटिजनशिप, वोलंटियरिज्म और नैबरहुड है जिसमें समूचे देश के स्कूलों का प्रभावी कंटेंड, आईसीएसई, सीबीएसई तथा एसएससी बोर्ड के पाठयक्रम को प्रभावी तरीके प्रसारित किया जाता है।