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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने कहा कि जिस तीव्र गति से पट्रोल और डीजल के दामों में अप्रत्याशित अभिवृद्धि हो रही है उससे भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में ही आने वाले समय में पट्रोल का मूल्य 125 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पहुंच जायेगा और इसमें कोई अतिशयोक्ति होनी भी नही चाहिए।

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पंचकूला 16 जून-  हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने कहा कि जिस तीव्र गति से पट्रोल और डीजल के दामों में अप्रत्याशित अभिवृद्धि हो रही है उससे भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में ही आने वाले समय में पट्रोल का मूल्य 125 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पहुंच जायेगा और इसमें कोई अतिशयोक्ति होनी भी नही चाहिए। उन्होंने कहा कि आज 16 जून है और इस महीने  पट्रोल और डीजल के दाम में 8 वीं  बार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज भी पट्रोल के दामों में 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दामों में 13 पैसे प्रति लीटर की दर से वृद्धि दर्ज की गई है। यह अभिवृद्धि गरीबों पर कुठाराघात के साथ साथ  केन्द्र सरकार की असंवेदनशीलता की  पराकाष्ठा का ही परिणाम है।                  ‌                      श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि कि पट्रोल और डीजल के दामों में पिछले 44 दिनों में 26 बार बढ़ोतरी करके और गरीबों पर अनावश्यक रूप से बोझ डालकर उनको  तिल-तिल कर मरने के लिए विवश किया जा रहा है। इसकेे साथ ही महंगाई ने भी इस महामारी में गरीब व्यक्तियों की आशाओं पर तुषारापात करके उनको कर्जदार बना दिया है‌। सरसों के तेल के भाव आज बाजार में 200 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पहुंच गए हैं। ‌                                ‌                                उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में अपने आप में भाजपा द्वारा एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है कि खाद्य पदार्थों और पेट्रोलियम पदार्थों  के दाम आसमान छू रहे हैं और सरकार एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से पैसा कमाने में लगी हुई है। पट्रोल की कीमत कई शहरों में 107 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के गरीबों की असहनीय वेदना और पीड़ा  के प्रति अपनी आंखें मूंद ली है । यही कारण है कि महंगाई सुरसा की तरह निरन्तर बढ़ रही है। महंगाई का आलम यह है कि मई के महीने में महंगाई दर बढ़कर 12.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो कि अपने आप में अब तक का एक रिकॉर्ड है। इसी प्रकार मई  में खुदरा बिक्री में भी 79 प्रतिशत की कमी आई है।                   ‌                       श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि गरीब लोगों को कोरोना की विभीषिका झेलने के साथ साथ उनका रोजगार चला जाने से वे दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं। गरीब व्यक्ति गरीबी का संत्रास झेलने के साथ साथ भूखा सोने के लिए भी विवश और लाचार है। एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से केन्द्र सरकार द्वारा की गई कमाई का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक पट्रोल और डीजल से आबकारी डियूटी के रूप में 2 लाख 35 हजार करोड़ रुपए कमाए हैं  जबकि इस वर्ष अब तक  3 लाख 70 हजार करोड़ रुपए कमाए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में  77 प्रतिशत अधिक है।  यह करिश्मा  एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी करके किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकारों ने भी इस दौरान  1 लाख 35 हजार करोड़ का मुनाफा कमाया है। इतना मुनाफा कमाने के बावजूद भी आम आदमी को कोई भी राहत नहीं मिली है।                ‌                        ‌          ‌ उन्होंने याद दिलाया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी कमी आई है, इसके बावजूद भी इसका लाभ आम उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाया गया है, इसके  विपरित  केन्द्र सरकार द्वारा कम दाम पर कच्चा तेल खरीद करके उसके दामों में अप्रत्याशित अभिवृद्धि की गई है, जिससे आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है। उसकी खरीद की क्षमता भी कम हो गई है। केन्द्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर भाजपा सरकार आने के बाद एक्साइज ड्यूटी के रूप में अब तक लगभग 25 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। लेकिन जनता को राहत पहुंचाने के नाम पर केवल मात्र उसे निराशा ही हाथ लगी है।  सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि पिछले एक साल में पट्रोल के दामों में लगभग 25 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दामों में लगभग 23 रुपए प्रति लीटर के दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है और इसका सीधा  असर आज महंगाई के रूप में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई पड़ रहा है।             ‌                           उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि आम आदमी को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जी एस टी के दायरे में लाया जाए तब तक एक्साइज ड्यूटी को भी 32 प्रतिशत से घटाकर 20  प्रतिशत किया जाए । उन्होंने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से भी  मांग की प्रदेश में  वैट के दरों में कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती की जाए ताकि आम आदमी को राहत मिलने के साथ साथ उन किसानों को भी राहत मिल सके , जिनकी कृषि लागत का खर्च डीजल के मूल्य बढ़ने से काफी बढ़ गया है ।                 ‌                         श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि कोविड के कारण आम आदमी की आय पर भी असर पड़ा है और उसकी आय कम हुई है। वर्ष 2020-21 के दौरान प्रति व्यक्ति आय में 8637 रुपए की कमी आई है। केन्द्र सरकार की ही गलत नीतियों का परिणाम है कि कोरोना काल में  लगभग 3.20 करोड़ लोग मध्यम दर्जे से नीचे ,आम आदमी की श्रेणी में चलें गए हैं और  इसी प्रकार आम आदमी की श्रेणी में आने वाले लगभग 7.50 करोड़  लोग गरीबी की सीमा रेखा से नीचे चले गए हैं।   ‌

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