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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों पर चल रहे किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को असफल करने का षडयंत्र रच रही है: डा. सुशील गुप्ता

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किसी भी तरह का कोईं भी संवाद करने से पहले सरकार व भाजपा को ये तीनों काले कानून वापिस लेकर किसानों को भरोसे में लेना चाहिए: योगेश्वर शर्मा

पंचकूला, 11 जनवरी।  आम आदमी पार्टी ने सीएम सिटी करनाल के गांव कैमला में होने वाली मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान महापंचायत में किसानों पर ठंडे पानी की बौछार करने व उन पर आंसू गैस के गोले दागने की कारवाई की कटु आलोचना की है।  पार्टी का कहना है कि यह सरकार आम जनता के साथ साथ किसानों का भी विश्वास खो चुकी है।  यही वजह है कि प्रदेश में किसानों के साथ-साथ कर्मचारी भी संघर्ष के लिए तैयार हो रहे हैं।

आज यहां जारी एक संयुक्त ब्यान में आप के हरियाणा प्रदेश के संयोजक एवं राज्यसभा सांसद डा. सुशील गुप्ता एवं उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री और प्रशासन को इस बात का पूरा ईलम था कि किसान तीनों काले कानूनों का विरोध जता रहे हैं और किसान मुख्यमंत्री की इस महापंचायत का विरोध करने की लगातार चेतावनी दे रहे थे तो इस महापंचायत के आयोजन का क्या औचित्य था? गुप्ता ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों पर चल रहे किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को असफल करने का षडयंत्र रच रही है और किसानों को बदनाम करने के लिए यह सब हो रहा है।  जिसके चलते शनिवार को प्रशासनिक और पुलिस अफसरों की किसान नेताओं के साथ एक बैठक भी हुई, जिसमें अफसरों ने किसानों को चेतावनी दी थी कि उन्हें शांतिपूर्वक धरना करने का तो अधिकार है। लेकिन यदि कैमला में महापंचायत के दौरान कोई गड़बड़ी की तो सख्ती से निपटा जाएगा। इस चेतावनी के बावजूद रविवार को हजारों की संख्या में किसानों का जत्था कैमला की ओर रवाना हो गया। जिसे यह बात साफ होती है कि यह सरकार किसानों में अपना विश्वास खो चुकी है और उन्हें अब भाजपा नेताओं व सरकार पर किसी तरह का कोई भरोसा नहीं रह गया। सुशील गुप्ता ने कहा कि इस किसान आंदोलन में अब तक 60 से भी ज्यादा किसान अपनी शहादत दे चुके हैं। परंतु  यह सरकार इतनी असंवेदनशील हो हो चुकी है कि उसे उनकी शहादत से भी कोई फर्क नहीं पड़ा और वह अपना हठ छोड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इन शहादत देने वाले किसानों के परिजनों के लिए भी किसी तरह की कोई सहायता राशि देने की घोषणा भी अभी तक नहीं की गई है । ऐसे में इसका किसान विरोधी चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार व भाजपा को करनाल के कैमला गाँव की तरह के किसान महापंचायत जैसे ढोंग बंद करने चाहिए तथा देश के अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके क़ानून व्यवस्था बिगाडऩे की साजिश नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ओर दिल्ली सीमा पर पिछले 46 दिनों से अन्नदाता धरना दे रहे हैं और सरकार उनसे बातचीत करने का नाटक कर रही है। सरकार समस्या का  हल निकालने की बजाये तारीख पे तारीख डाल रही है और काले कानून वापिस न लेने की अपनी जिद पर अड़ी हुई है। 

योगेश्चर शर्मा ने कड़े शब्दों में कहा कि पहले से नाराज चल रहे किसानों को जानबूझकर छेड़ा जा रहा है।  आप पार्टी के दोनों नेताओं ने आगे कहा कि जब से केंद्र सरकार ने चोरी छिपे से कृषि से जुड़े तीनों काले कानून पारित किये हैं तब से देश की आम जनता को मोदी सरकार पर जरा सा भी भरोसा नहीं रह गया। ऐसे में किसी भी तरह का कोईं भी संवाद करने से पहले सरकार व भाजपा को ये तीनों काले कानून वापिस लेकर किसानों को भरोसे में लेना चाहिए।