फनोम पेन्ह. कम्बोडिया के नेशनल पार्क में एक ऐसास्कूल शुरू किया गयाहै जहां बच्चों सेफीस के बदले कूड़ा और कबाड़ लाने को कहा जाता है। इसके पीछे मकसद उन्हेंरिसाइक्लिंग सिखाना है। यही नहीं, इसस्कूल के संचालक को लोग‘रबिश मैन’ कहते हैं। फिलहाल इसस्कूल में करीब 65 बच्चे पढ़ रहे हैं।
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संचालक ओक वैंडी ने बताया कि उन्होंनेयह स्कूल करीब डेढ़ साल पहले खोला था। पहले लोग अपने बच्चों को यहां भेजने से कतराते थे, लेकिन खराब चीजों से उपयोगी वस्तुएं तैयार होने के बाद धीरे-धीरे उनके मन में बदलाव आने लगा। वैंडी का मकसद ऐसे सामान का इस्तेमाल करना था, जो अक्सर घर में बेकार पड़ा रहता है। उनका मानना है कि बचपन से ही रिसाइक्लिंग की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
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वैंडी बताते हैं कि स्कूल की सजावट का सामान बच्चों ने कूड़े-कबाड़े से ही तैयार किया है। इसके तहत स्कूल के मेनगेट पर प्लास्टिक बैग और बोतलों का इस्तेमाल करके कम्बोडिया का राष्ट्रीय ध्वज बनाया गया है। वहीं, क्लास की दीवारें पुराने टायरों से सजाई गई हैं।
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वैंडी ने बताया कि यह स्कूल खोलने के बाद लोग उन्हें ‘रबिश मैन’ कहकर बुलाते थे। हालांकि, यह नाम अब उन्हें काफी पसंद है। अब लोग मानते हैं कि वैंडी किसी भी तरह के कबाड़से उपयोगी सामान बना सकते हैं। इसी वजह से स्कूल का नाम ‘कोकोनट स्कूल’ कर दिया गया।
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वैंडी के मुताबिक, पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कम्बोडियामें पिछले साल 36 करोड़ टन कूड़ा-कचरा निकला था। इनमें आधे से ज्यादा कचरा जलाया जाता है या फिर नदियों में फेंक दिया जाता है।महज 11% कूड़ा ही रिसाइकल हो रहा है। ऐसे में वैंडी लोगों को जागरूक करना चाहते हैं।