संगीत सिर्फ हमारे मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि साहस, एकाग्रता एवं करुणा जैसे गुणों का विकास भी करता है – बंडारू दत्तात्रेय
चंडीगढ़, 04 दिसंबर- कला, संगीत, नृत्य न केवल हमारे जीवन में रंग भरते है बल्कि कला-संगीत रोगों को दूर करने की शक्ति भी रखते है। इसलिए हम सबको अपने जीवन में कला-संगीत को भरपूर महत्व देना चाहिए। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उद्गार रविवार देर सांयकाल टैगोर थिएटर, चंडीगढ़ में वायब्रेशन संगीत-समूह द्वारा महान समाजसेवी दम्पत्ति स्वर्गीय श्रीमती गुरशरण कौर व श्री हरिभगत बैंस जी की पावन स्मृति में आयोजित तेहरवीं वार्षिक संगीत संध्या के अवसर पर व्यक्त किए। राज्यपाल हरियाणा ने दीप शिखा प्रज्वलित करके संगीत संध्या का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर हरियाणा के बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह चौटाला ने बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। इस संगीत संध्या में भारतीय संगीत का दुनिया में डंका बजाने वाली महान गायिका साधना सरगम सेलिब्रिटी अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मौजूद रही। महान गायिका साधना सरगम एवं वायब्रेशन ग्रुप के संस्थापक श्री हरमन जैकब व श्री नरेश जैकब ने राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया।
उन्होंने वायब्रेशन संगीत-समूह द्वारा मूक-बधिर, विकलांग और बेसहारा गरीब लोगों की मदद करने के लिए ग्रुप की सराहना करते हुए कहा कि इसी प्रकार मानवता के कार्यों के लिए लोगों को आगे आना चाहिए।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यह वास्तविकता है कि संगीत, कला और साहित्य देशों की सीमाओं से परे होते हैं। आज विश्व में हमारी संस्कृति की अलग पहचान है। नृत्य, गीत, संगीत, साहित्य, चित्रकारी और लेखन जैसी रचनात्मक विधाओं के माध्यम से हमारे कलाकार, लेखक व साहित्यकार देश की बहुरंगी संस्कृति को विभिन्न मंचों पर प्रस्तुत करते हैं।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यह वास्तविकता है कि संगीत, कला और साहित्य देशों की सीमाओं से परे होते हैं। आज विश्व में हमारी संस्कृति की अलग पहचान है। नृत्य, गीत, संगीत, साहित्य, चित्रकारी और लेखन जैसी रचनात्मक विधाओं के माध्यम से हमारे कलाकार, लेखक व साहित्यकार देश की बहुरंगी संस्कृति को विभिन्न मंचों पर प्रस्तुत करते हैं।
हरियाणा के बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह चौटाला ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती संगीत दिल को दिल से जोड़ता है तथा तनाव एवं थकावट को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। इस संगीत संध्या में भारतीय संगीत का दुनिया में डंका बजाने वाली महान गायिका साधना सरगम ने अपने गीतों की लाइव परफॉरमेंस के जरिये शहर के लोगों की पुरानी यादों को पुनः ताजा कर दिया। टैगोर थिएटर में मौजूद सभी लोग वही गीत गुनगुना रहे थे। कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के गायकों ने पुराने गीतों का ऐसा समां बांधा कि सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
संगीत संध्या का संगीत निर्देशन चंडीगढ़ के मशहूर बांसुरी वादक श्री वेवल शर्मा और उनके सुपुत्र श्री गीत कौतिष द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पंजाब के डीजीपी श्री संजीव कालरा, हरियाणा राजभवन के कम्पट्रोलर श्री जगन्नाथ बैंस, चंडीगढ़ और विभिन प्रदेशों के संगीतकार श्री नन्द किशोर, श्री सुनील, श्री विपिन गुलाटी, श्रीमती वैशाली, श्रीमती मंजू भट्ट, श्रीमती तनुश्री सहित अनेक गायक मौजूद रहे। संगीत संध्या में महान गायिका सुश्री मन्नत नूर भी मौजूद थी। राज्यपाल ने सभी गीतकारो को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।