चंडीगढ़.पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन का सत्र दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के साथ उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन के बाद महज 11 मिनट में खत्म हो गया। सत्र दोपहर 2 बजे शुरू हुआ और दो बजकर 11 मिनट पर सत्र शुक्रवार सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
शुक्रवार को विधानसभा सेशन के दूसरे दिन डबल सिटिंग रहेंगी। पहली सिटिंग सुबह 10 बजे से शुरू होगी और दूसरी सिटिंग दोपहर को 2 बजे होगी। शुक्रवार को सदन में हंगामा होने के पूरे आसार हैं। पहले से ही सत्र छोटा रखने के आरोप लगा रहे विपक्षी दलों ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रखी है।
पहले दिन जब सदन में स्पीकर राणा केपी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए उनके नाम पढ़ रहे थे उसी दौरान एक अकाली विधायक ने स्पीकर से सूबे में डेंगू से मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दिए जाने की मांग कर दी। इसके बाद मजीठिया ने भी अकाली विधायक की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि डेंगू से सूबे में काफी लोग मारे गए हैं। इसलिए उनका नाम भी सूची में शामिल किया जाना चाहिए। जिसे नजरअंदाज कर दिया गया।
ब्रिगेडियर चांदपुरी, रेल हादसे में मारे गए लोगों, आत्महत्या करने वाले किसानों को किया याद :
सत्र में 1971 भारत पाक युद्ध के दौरान लोंगेवाला पोस्ट पर बहादुरी का परिचय देने वाले बिग्रेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को भी सदन ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके अलावा सदन ने पूर्व विधायक बिशमंबर दास, राम रतन चौधरी, स्वतंत्रता सेनानी मेला सिंह, सोहन सिंह, सुरजीत सिंह के अलावा महारानी दपिंद्र कौर महताब, रेल हादसे में मारे गए लोगों और निरंकारी भवन में हुए ब्लास्ट में मारे गए तीन लोगों, बार्डर पर मारे गए जवानों के अलावा आत्महत्या करने वाले किसानों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
सदन ने दिसंबर, 2001 में आज के दिन संसद पर हुए हमले को नाकाम करने वाले सैनिकों के महान बलिदान को भी याद किया। इसके अलावा स्पीकर ने प्रत्यक्ष करों संबंधी केंद्रीय बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अवतार सिंह थिंद जो मुख्य सचिव करन अवतार सिंह के पिता हैं, का नाम भी सूची में शामिल करने के लिए सहमति दे दी।
सीएम एवं पूर्व सीएम नहीं आए : सत्र के पहले दिन सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल सत्र में नहीं पहुंचे। इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल,सुखपाल खैहरा और एचएस फूलका भी सदन में पहुंचे ।
रेल हादसे में मारे गए लोगों और सूबे में खुदकुशियां करने वाले किसानों की संख्या पर उठा सवाल : अमृतसर में दशहरे के दिन रेल की चपेट में आकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी संख्या 58 बताई गई। लेकिन इसपर पूर्व मंत्री एवं अकाली विधायक विक्रमजीत सिंह मजीठिया ने कहा कि ट्रेन की चपेट में आकर मारे गए लोगों की संख्या 58 नहीं इससे ज्यादा है। क्योंकि कुछ लोगों की उपचार के दौरान भी मौत हो गई थी।
इस पर इन लोगों को भी सदन ने श्रद्धांजलि दी। इसी तरह अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने कहा कि उनके पास सूबे में मारे गए 40 किसानों की पूरी सूची है। इस पर नेता विपक्ष हरपाल चीमा ने कहा कि सूबे में 40 नहीं बल्कि 49 किसानों की मौत हुई है।
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