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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में अपनायें :वी. के. कपूर

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चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री।

भारत माता के महान सपूत शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 113वीं जयन्ती आज गांधी स्मारक भवन सैक्टर 16, चंडीगढ़ढ़ में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम में नेशनल लीगल सर्विस अथोरिटी, चण्डीगढ़ढ़ के चीफ कोऑर्डिनेटर तथा हरियाणा के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस श्री वी. के. कपूर, आई.पी.एस. (सेवानिवृत) ने मुख्य अतिथि के तौर पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद, अपने सम्बोधन में कहा कि भगत सिंह आज पूरी दुनिया में एक यूथ-आईकॉन बन चुके है। युवा वर्ग को चाहिए कि भगत सिंह के विचारों को अपने जीवन में अपनाते हुए, देश के हर नागरिक के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए, रचनात्मक कार्य करे। उन्होंने आगे कहा कि आज भारत की कुल जनसंख्या का 65 प्रतिशत युवा वर्ग है और उनमें योग्यता और कार्य क्षमता की कमी नहीं है। युवा शक्ति का सही उपयोग किये जाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट, अरूण जौहर ने कहा कि शहीदभगत सिंह ने तेईस वर्ष की अल्प-आयु में ही भारत माता को गुलामी की जंजीरो से आजा़द करवाने के लिए हँसते-हँसते फांसी के फन्दे को चूम लिया। आज भारत के 80 करोड़ड़ युवाओं को उसी जुनून और जज्बे के साथ भारत को गरीबी, बेरोजगारी और भष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए दिन-रात कार्य करना होगा, तभी भारत विश्वगुरू बन सकता है। जौहर ने आगे कहा कि भगत सिंह दूसरे क्रांतिकारियों से अलग थे, क्योंकि उन्होंने भारतीय जनता को पिछड़े हुए विचारों से बाहर निकालने और उन्हें वैज्ञानिक ढंग से सोचने का रास्ता दिखाया था। भगत सिंह के नेतृृत्व की बदौलत ही क्रांतिकारी आन्दोलन को नया मोड़ मिला। डॉ. एम. पी. डोगरा, मुख्य प्राकृतिक चिकित्सक, गांधी स्मारक भवन ने कहा कि देश को आज़ाद हुए 73 वर्ष हो चुके है, लेकिन आज तक शहीद- भगत सिंह एवं अन्य देश भक्तों व स्वतत्रंता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने में हमें कोई कामयाबी नहीं मिली। आज देश का युवा दिशाहीन है, क्योंकि वह बेरोजगारी की चपेट में है। आज देश के युवा वर्ग को कुशल मार्ग-दर्शन की अत्यन्त आवश्यकता हैं।शहीद-भगत सिंह युवा शक्ति विचार मंच के ओजस्वी एवं कान्तिकारी महासचिव सरदार अमनदीप सिंह ने कहा कि हमारे विचार मंच का उद््देश्य भारत माता के महान सपूत भगत सिंह के विचारों को हर युवा तक पहुँचाना ह,ै ताकि भारत 21 वीं सदी में शहीद- के सपनों का भारत बन सके। डॉ. देवराज त्यागी, निदेशक गांधी स्मारक भवन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शहीद भगत सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि विश्व इतिहास में भगत सिंह एकमात्र उदाहरण है जो मात्र 23वर्ष की आयु में शोषण व साम्राज्यवाद के खिलाफ एक वीर योद्धा व महान विचारक के रूप में लड़ते हुए लोकप्रियता की चरम सीमा तक पहुँचा। इन्कलाब जिंदाबाद का नारा उन्होंने ही दिया था। वे देश में बदलाव लाना चाहते थे। फांसी पर चढ़ने सेपहले उन्होंने कहा था कि मैं देश और मानवता की जितनी सेवा करना चाहता था उसका हजारवां हिस्सा भी नहीं कर सका।कार्यक्रम में प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं गायक जय भगवान कम्बोज, आनन्द राव, विजय तथा सन्नी, आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।