शब्दाक्षर कवि सम्मेलन में कवियों ने खूब समां बांधा
पंचकूला: शब्दाक्षर राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ( रजि०) की प्रदेश समिति हरियाणा का पहला कवि सम्मेलन आज सिल्वर सिटी एक्सटेंशन जीरकपुर में आयोजित किया गया। सम्मेलन में स्थानीय लोगों ने काव्य पाठ का भरपूर आनंद उठाया।
सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष बलवान सिंह मानव ने अपनी कविता “जी हाँ हम है बेचारे लड़के, रहते आये हैं सदा ही कड़के” सुनाकर खूब समां बांधा।
प्रदेश उपाध्यक्ष अनीता नरवाल ने अपनी कविता “माँ के हिस्से में अकेलापन आया” सुनाकर माहौल को इमोशनल कर दिया।
प्रदेश प्रचार मंत्री रवनीत आबिद ने अपनी ग़ज़ल “कुशादा कर नज़र को देख आईना बता क्या है..बता ज़ाहिर हुआ अक्स-ए-ख़ुदा या है अना क्या है” सुनाकर सबका मन मोह लिया।
प्रदेश अर्थ मंत्री सीमा चहल पुष्प ने बेलन पर कविता यूँ सुनाई- “नारी का है बेलन से अजीब नाता..जो चाह कर भी नहीं छूट पाता”।
इनके इलावा चंडीगढ़ से पहुँचे गजलकार राजन ‘तेजी’ ने ग़ज़ल “लोग हौंसले मेरे खूब आज़माते हैं.. हार जाऊँ मैं कैसे सोच यह लड़ाते है” सुनाई ।
शिवम् झा ने ग़ज़ल “लोग अपने ग़मों को भुलाने लगे.. तुझे देखकर मुर्दे भी मुस्कुराने लगे” सुनाई और ऋषि ‘राज’ ने अपनी अपनी रचना “शेरों ने उपवास रखे हैं, हिरण बचाने की कसमें खाई हैं, जब से खबर चुनाव की आई है” सुनाकर सबका दिल जीत लिया।
इस कार्यक्रम में शब्दाक्षर के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल साहिल का भी विशेष सहयोग रहा। कवि सम्मेलन के आयोजक तलविंदर मान थे ।