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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का सन्देश

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विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का सन्देश
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UN मीडिया प्रतिनिधि: डॉ० जसबीर आर्य
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हम अपनी पृथ्वी को तेजी से चरम विनाश की ओर धकेलते जा रहे हैं।जैव-विविधता की क्षति,जलवायु व्यवधान और बढ़ते प्रदषूण की तितहरी पर्यावरण आपातस्थिति हमारे सामने खड़ी है।बहुत लम्बे समय से इंसान, धरती के जंगल काट रहे हैं, नदियों और महासागर प्रदूषित कर रहे हैं और चारागाहों को जोतकर मिटाते जा रहे हैं।हम उसी परिस्थितकी को नष्ट करते जा रहे हैं,जो हमारे समाज का आधार हैं और ऐसा करते हुए हम अपने अस्तित्व के लिये आवश्यक भोजन, जल एवं संसाधनों से,स्वयं को वंचित करने का खतरा मोल ले रहे हैं।प्रकृति के क्षरण से 3.2 अरब लोगों – यानी कुल मानव समुदाय के 40 प्रतिशत मानव समुदाय की खुशहाली और अस्थितव खतरे में पड़ चुका है।हमारा सौभाग्य है कि यह धरती लचनशील और पुनर्जीवन में समर्थ है किन्तु उसे हमारी मदद की आवश्यकता है। अब भी समय है कि हमने उसे जो नुकसान पहुचाँया है, वो उलट दें इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हम संयुक्त राष्ट्र परिस्थितिकी तंत्र बहाली के दशक का शुभारम्भ कर रहे हैं।इस वैस्श्विक आन्दोलन के जरिये,सरकारों,व्यवसायों,प्रबुद्ध समाज और नागरिकों को एकजूट करके,धरती के घाव भरने की अभूतपूर्व प्रयास किए जाएगें।पारिस्थितिकी तंत्र बहाल कर हम ऐसा परिवर्तन ला सकते हैं,जिससे समस्त टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी यह कार्य बहुत कठिन है। हमें दोबारा वन लगाने होंगे और उन्हें संरक्षित करना होगा।हमें अपनी नदियों और सागरों को स्वच्छ करना होगा।हमें अपने शहरों को हरा-भरा करना होगा।ऐसा करने से हम न केवल पृथ्वी के संसाधनों को संरक्षण मिलेगा,बल्कि 2030 तक लाखों नए रोजगार पैदा होंगे,हर वर्ष 70 ख़रब डॉलर से अधिक की आमदनी होगी और ग़रीबी,भुखमरी मिटाने में मदद मिलेगी।संयुक्त राष्ट्र परिस्थितिकी तंत्र बहाली दशक, विश्वभर से कारवाई करने का आह्वान करता है।बडे पैमाने पर बहाली के लिये, यह राजनीतिक समर्थन देने, वैज्ञानिक अनुसंधान और वित्तीय प्रबन्धन जुटाने में सहायक होगा।इसमें हर कोई योगदान दे सकता है।विज्ञान के अनुसार जलवायू त्रासदी से बचने, प्रदषूण के घातक ज्वार का रुख पलटने और प्रजातियों को विलुप्त होने से रोकने के लिये हमारे पास केवल अगले 10 वषों का समय है।
👍 तो आइए, आज ही से एक नए दशक की शुरूआत करें, जिसमें हम अंतत: प्रकृति के साथ तालमेल स्थापित करते हुए, सबके लिये बेहतर भविष्य सूनिस्श्चित करें।