- जापान के विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष एस जयशंकर को जी20 समिट का न्यौता दिया
- विदेश मंत्री कोनो ने बताया- जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस साल भारत आएंगे
टोक्यो/नई दिल्ली. जापान के विदेश मंत्री कोनो तारो ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन कर जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने का न्यौता दिया। यह समिट नवंबर में होने वाली है। तारो ने कहा कि निर्बाध और खुले प्रशांत महासागर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की भूमिका अहम है।
कोनो ने कहा कि चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसके भौगोलिक क्षेत्र के तहत हिंद महासागर, पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर सहित दक्षिण चीन सागर आता है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना अधिकार जताते हैं। पश्चिमी चीन सागर को लेकर जापान और चीन के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है।
पिछले हफ्ते बैंकाक में मिले थे 4 देशों के विदेश मंत्री
जापान के विदेश मंत्री ने कहा कि नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने काफी समय से लंबित ‘क्वाड’ गठबंधन को आगे बढ़ाया था। जिससे भारत-प्रशांत में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी अन्य भी प्रभाव से बचाने के लिए नई रणनीति विकसित की जा सके। चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बैंकाक में मुलाकात की थी। जहां उन्होंने साझा मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर खुले, समृद्ध और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति जिम्मेदारी का भाव दिखाया।
इस साल भारत आएंगे प्रधानमंत्री शिंजो आबे
कोनो ने बताया कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस साल भारत आएंगे। इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले से और ज्यादा मजबूत होंगे। जयशंकर ने कहा कि उन्हें जापान के साथ सहयोग की पूरी उम्मीद है। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच जल्द ही मुलाकात हो सकती है।