वॉशिंगटन.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ परमाणु हथियार सीमित करने के समझौते से बाहर होने की पुष्टि की है। दरअसल, रूस और अमेरिका के बीच करीब 30 साल पहले मध्यम और छोटी दूरी (482 किमी से 5500 किमी) की मिसाइलों का निर्माण नहीं करने पर सहमति बनी थी। इसके लिए दोनों ने इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि पर हस्ताक्षर किए थे।अब ट्रम्प ने रूस पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कई बार संधि की शर्तों को तोड़ चुका है।
-
इस समझौते को तोड़ने से पूरे यूरोप में नए हथियार बनाने की होड़ लग सकती है। अमेरिका के विदेश विभाग के पूर्व प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक- “अगर आप परमाणु हथियारों से जुड़े समझौते से निकल रहे हो तो आपको खुद अपने घर में एक बंकर तैयार रखना होगा।”
-
नेवादा में रिपोर्टर्स ने जब ट्रम्प से पूछा कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन चाहते हैं कि अमेरिका तीन दशक पुरानी संधि से अलग हो जाए, तो उन्होंने कहा- “हम समझौते को खत्म कर करने जा रहे हैं। हमें उन हथियारों को बनाना होगा।
-
पेंटागन आईएनएफ संधि का लंबे समय से समर्थक रहा है। हालांकि, कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस अपनी नोवातोर मिसाइल को बंद नहीं करतातो वो संधि से हाथ खींच सकता है। अमेरिका पिछले करीब चार साल से नोवातोर मिसाइल की रेंज को लेकर सवाल उठा रहा था।
-
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “जब तक रूस और चीन एक नए समझौते पर सहमत ना हो जाए तब तक हम इसे खत्म कर रहे हैं और फिर से हथियार बनाने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि हम अपने सामने किसी को संधि तोड़कर हथियार नहीं बनाने दे सकते। हम तब तक हथियार बनाएंगे जब तक रूस और चीन अमेरिका के पास आकर इन्हें पूरी तरह बंद करने का आग्रह नहीं करते।
-
ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर इस मामले में चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- “पता नहीं क्यों ओबामा ने इस समझौते को रद्द नहीं किया।”आईएनएफ संधि पर 1987 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने हस्ताक्षर किए थे।
-
रूस के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका दुनिया की इकलौती ताकत बनने के सपने देख रहा है,इसलिए ऐसे कदम उठा रहा है। अधिकारी ने कहा कि रूस कई बार अमेरिका की समझौते से बाहर निकलने की कोशिशों की आलोचना कर चुका है।