योगेश शर्मा (जयपुर). अंतरराष्ट्रीय रियल एस्टेट कंपनी एम्मार के खिलाफ दो ग्राहकों ने बिना वकील की मदद लिए केस जीत लिया।एम्मार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए दो ग्राहकों मनमोहन कुमार कपिला और समीर सोरल ने मेट्रोपॉलिटन स्थाई लोक अदालत में केस किया था। अदालत ने आदेश दिए कि एम्मार दोनों पीड़ितों 6-6 लाख रुपए 5 साल के ब्याज (9%) समेत लौटाए। साथ ही मुकदमे के खर्च के तौर पर 20-20 हजार रुपए भी दिए जाएं।
यह मामला 5 साल पुराना है। मनमोहन और समीर ने अजमेर हाईवे पर एम्मार के जयपुर ग्रीन्स टाउनशिप में प्लॉट खरीदे थे। सुविधाएं विकसित करने के नाम पर एम्मार ने दोनों ग्राहकों से 6-6 लाख रुपए लिए थे। लेकिन, अभी तक टाउनशिप का काम ही पूरा नहीं हो पाया है।
-
पीड़ितों के मुताबिक बार-बार शिकायत करने पर भी टाउनशिप में तय सुविधाएं विकसित नहीं की गईं। एम्मार ने सितंबर 2013 में प्लॉट जेडीए पट्टा और कब्जा सौंपा था। दोनों से अलग-अलग क्लब मेंबरशिप के लिए 63 हजार रुपए वसूले। लेकिन, क्लब हाउस बनाया ही नहीं।
-
एम्मार नेमेंटेनेंस एडवांस के तौर पर ग्राहकों से 15 महीने के 42 हजार रुपए लिए, जबकि टाउनशिप का काम अधूरा और सारे प्लाट खाली हैं। इसके अलावा कई कामों के लिए दो-दो बार रकम ली गई।
-
पीड़ित मनमोहनका कहना है कि उन्होंने वकील की मदद इसलिए नहीं ली, ताकि जल्द फैसला हो सके। आपके तथ्य और दलीलें सही होनी चाहिए। वकील भी बस इन्हें कानूनी भाषा में बदल देता है। कोर्ट आम आदमी की बात को समझताहै। वहां कानूनी भाषा में बोलना जरूरी नहीं है।
-
कंपनी के वकील आशीष शर्मा ने दलील दी कि ग्राहकों ने एग्रीमेंट में डेवलपमेंट चार्ज के भुगतान की अंडरटेकिंग दी थी। रकम एग्रीमेंट के मुताबिक ही ली गई।