चंडीगढ़ जुलाई 5, हम चंडीगढ़ में शुद्ध हवा लेना चाहते हैं ! लेकिन ये मुमकिन कैसे हो ,क्यों कि चंडीगढ़ के 30 हज़ार पेड़ गिरने की कगार पर हैं Iइन पेड़ों को बचाने के लिए पेड़ प्रेमी चार्टेड अक्कौन्टैन्ट प्रेम गर्ग ने चंडीगढ़ के पेड़ो को गोद लेने की शुरुवात , आज प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुख़ातिफ हो उन्होंने बताया किब पेड़ो के कैसे रोगों से बचाया जा सकता है और कैसे भारत के नागरिक उनके अभियान “माई ट्री “से जुड़कर कोई भी नागरिक बीमार पेड़ को गोद लेकर अपने बच्चे की तरह उसका लालन पालन कर शहर की हवा को शुद्ध बना सकते हैं ! प्रेम गर्ग जी पेशे से तो सी ए हैं लेकिन दिल से पर्यावरण प्रेमी ,स्कूल के दिनों से पेड़ लगाने के शौकीन हैं उनका मानना है कि प्रशासन व म्युनिसिपल कारपोरेशन तो जी जान से चंडीगढ़ को ग्रीन बनाने में प्रयासरत है और पिछले साल 2 लाख से अधिक पौधे भी लगाए गए हैं लेकिन इन पौधों की देख रेख एक पहाड़ जैसा कार्य है , शहर में रोजाना ही कोई न कोई पौधरोपण अभियान होता है ,पौधे बांटते भी हैं ,लगते भी हैं ,लेकिन उनमें से कितने बड़े हो पाते हैं इसके लिए कोई भी फिक्रमंद नहीं हैं , प्रेम गर्ग का कहना है सभी को अपने आस पास कम से कम एक पेड़ गोद ले लेना चाहिए और उसे अपने बच्चे की तरह पालना चाहिए , यदि शहर के एक तिहाई नागरिक भी उनके अभियान में जुड़ जाएं तो कोई भी सारा शहर हरा भरा हो जाएगा , आबो हवा शुद्ध हो जाएगी व बीमारियां कम हो जाएंगी
गर्ग जी ने कारपोरेशन से भी गुहार लगाई है , की उन्हें सेक्टर 7-8 की मेन रोड पर सत्तर नंबर पेड़ गोद लेने दिया जाय चाहे उसके लिए वो पचास हजार रुपये भी देने को तैयार हैं , उनका मानना है कि हमारे संसार से जाते ही हमारी याद भी चली जाती है ,हमारी चल अचल संपत्ति बच्चों में बंट जाती है ,यदि हम कम से एक पेड़ अपने नाम कर लें तो वो स्वस्थ भी रहे व यादगार भी बनी रहेगी , जल्द ही वो पंजाब में अपने अभियान माई ट्री को पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट के साथ व संत बलबीर सीचेवाल जी के आशीर्वाद से आगे बढ़ाएंगे ।गर्ग का कहना है इस अभियान में पूरा देश भी जुड़ जाए तो कम है ,पेड़ हैं तो हम है वरना तो सांस लेना भी दूभर हो जाएगा