धर्मेश पांडे. यमुनानगर | देश का सबसे बड़ा अशोक चक्र यमुनानगर के टोपरा कलां में बनकर तैयार हो गया है। 30 फीट ऊंचे चक्र को 8 फीट ऊंचे प्लेटफाॅर्म पर इसी सप्ताह स्थापित किया जाएगा। इसी माह चक्र का लोकार्पण होना है। इसके लिए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा समेत बौद्ध धर्म के अनुयायी देशों के राजनयिकों का समय मांगा गया है। इससे पहले यूपी के श्रावस्ती में थाई बुद्धिस्ट मंदिर में 5 साल पहले 5 फीट ऊंचा पत्थर का अशोक चक्र लगा था। यह थाईलैंड की महारानी ने बनवाया था। यमुनानगर में अशोक चक्र ‘द बुद्धिष्ट’ फोरम संस्था ने बनवाया है। डिजाइन से लेकर इसको जोड़ने का काम स्थानीय इंजीनियर अनिल कुमार की देखरेख में हुआ। वहीं, द बुद्धिष्ट फोरम संस्था के अध्यक्ष सिद्धार्थ गौरी बताते हैं कि इस चक्र को नार्थ-साउथ मैग्नेटिक फील्ड ग्रेविटी के हिसाब से स्थापित किया जाएगा।
चक्र की खासियतें
<img src=\"images/bulletblack.png\"6 टन लोहे से एक साल में बना।
<img src=\"images/bulletblack.png\"45 लाख रु. खर्च आया।
<img src=\"images/bulletblack.png\"6 टन यानी 6 हजार किलो लोहे का बना है। रोहतक के गढ़ी सांपला में लगी प्रदेश की सबसे ऊंची दीनबंधू छोटूराम की प्रतिमा का वजन साढ़े 5 टन है।
<img src=\"images/bulletblack.png\"गोल्डन कलर से पेंट कर लेमिनेट किया है। लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराने की तैयारी।
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