चंडीगढ़, 3 सितम्बर: प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में सरकारी पदों पर नियुक्ति करने में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने न केवल ढुलमुल रवैया अपनाया बल्कि फीस के नाम बेरोजगारों की जेबें खाली कर सरकारी खजाने को लबालब कर दिया। वहीं नौकरी के नाम पर प्रदेश के युवाओं की झोली खाली ही रही। सरकार के ढुलमुल नीति का परिणाम यह रहा है कि हजारों की संख्या में निकाली गई नौकरियों में से तीन प्रतिशत से भी कम लोगों को रोजगार मिला। खाली पदों पर भर्ती करने वाली प्रदेश की संवैधानिक संस्थाओं एचपीएससी और एचएसएससी ने या तो रिक्तियों को रद्द कर दिया या फिर इन पदों की भर्ती प्रक्रिया को ही लटका दिया। यह सनसनीखेज खुलासा सोमवार को इनेलो संसदीय दल के नेता व हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला ने पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में किया।
सांसद दुष्यंत चौटाला ने सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि तीन साल में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन की लगभग आठ हजार पदों की रिक्तियों पर 388278 युवाओं ने आवेदन किया था। उन आवेदकों से सरकार ने फीस के तौर पर 7 करोड़ 22 लाख 93 हजार 685 रूपये की राशि वसूली। जबकि रोजगार केवल 209 युवाओं को दिया गया जो कि रिक्तियों का केवल 2.7 प्रतिशत है।
इनेलो सांंसद ने कहा कि इसी तर्ज पर हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमिशन ने काम किया। उन्होंने बताया कि साल 2014 से 2018 के बीच कुल अलग-अलग 612 पदों के अंतर्गत 64063 वेकेंसी के लिए आवेदन हुए जिनमें से अभी तक केवल 13551 पदों पर नियुक्तियां हुई है। सरकार ने एसएससी के उपरोक्त पदों में से 8194 पदों रद्द कर दिया गया जबकि आवेदकों से इन सभी पदों की फीस वसूल ली गई थी। आंकड़ों से स्पष्ट सरकार द्वारा लगभग 20 प्रतिशत पद ही भरे गए है बाकि सरकार की लूट की मंशा और ठेका प्रथा के पोषण के लिए खाली छोड़ दिए गए हैं।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार की लूट इस कद्र हावी है कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन ने हालिया एचसीएस और अलाइड सेवाओं की भर्ती के लिए पाठ्यक्रम डाउनलोड करने पर भी100 रुपए फीस रखी है जबकि यह हर एक अभ्यर्थी के लिए मुफ्त होना चाहिए था। इनेलो सांसद ने एचपीएससी को ‘हरियाणा पब्लिक शोषण कमीशन’ की संज्ञा दी।
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि बेरोजगारी से तंगहाल युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकार को प्राइवेट सेक्टर में भी 50 प्रतिशत रिजर्वेशन हरियाणा प्रदेश के युवाओं के लिए हो। उन्होंने याद दिलाया कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की सरकार के दौरान प्राइवेट कंपनियों में 82 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा प्रदेश के युवाओं को दी गई थी जो मौजूदा भाजपा सरकार में केवलमात्र 18 प्रतिशत हैं।