
स्थानीय शिवाला मंदिर में श्री श्री 1008 ब्रह्मलीन सिद्ध स्वामी स्वत: प्रकाश पुरी जी महाराज की 65वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शिव शक्ति योग मिशन द्वारा श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन शुक्रवार की कथा में श्री श्री 1008 अचार्य महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद पुरी जी ने प्रवचन में कहा कि सभी प्राणी सुख चाहते हैं, दुख की कामना कोई नहीं करता। सुख-दुख मानव के ही कर्मों का फल है, पाप और पुण्य का ही फल सुख-दुख के रूप में मिलता है। किसी का दुखी देखकर खुश नहीं होना चाहिए, वही इंसान महान होता है जो दूसरों के सुख से खुश होता है। स्वामी जी ने कहा कि माता-पिता, अतिथि तथा गुरु यह सब परमात्मा के समान हैं। इनकी सेवा करनी चाहिए छोटो से स्नेह तथा बड़ों का सम्मान करने वाले व्यक्ति की आयु, विद्या, यश व बल बढ़ता है। हमारा देश भारत धर्म प्रधान देश है, यहां की संस्कृति सबसे महान है, इसकी अध्यात्म शक्ति के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है। स्वामी जी ने कहा कि मां अगर बच्चों को बचपन में अच्छे संस्कार देते हैं तो हमारा जीवन धर्म प्रधान बन जाएगा धर्म ही मानव का सच्चा साथी है, इसलिए मानव को अपना परलोक सुधारने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। आज के इस कलयुग में धर्म अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि संत का संग करना ही पहली भक्ति होती है, मानव के अंदर गुण व दोष संग से ही पैदा होते हैं। इसलिए मानव को अच्छे संघ की जरूरत होती है संत का संग करने से अच्छे संस्कार मिलते हैं सत्संग से ही विवेक पैदा होता है। जब तक वह दूर नहीं होता तब तक परमात्मा से प्रेम नहीं हो सकता । इस मौके पर विधायक कुलबीर सिंह जीरा, हरीश तांगरा उपप्रधान नगर कौंसिल जीरा, अप्पू मनचंदा बख्शीश सिंह, सुमित नरूला सचिव राइस मिल एसोसिएशन पंजाब, लक्की मेनी, ओम प्रकाश पुरी, पुरुषोत्तम शर्मा तहसीलदार, किरण गौड़ जिला सचिव भाजपा, विजय धवन, राजेंद्र कुमार, सुंदरम सूद, मदन लाल शर्मा, गगन शर्मा, कुलजीत शर्मा, सतीश मोहन देवगन,वीरभान,सुदेश शर्मा, प्रदीप बजाज, मिंटू शर्मा उपस्थित थे।