चंडीगढ़, 4 जुलाई: किसानों की आय बढ़ाने वाली एक बहु उद्देश्यीय योजना अधीन पशु पालन विभाग द्वारा बछड़ों के जन्म को यकीनी बनाने के लिए लिंग निर्धारित किये जा चुके वीर्य के 50 हज़ार सैंपल विदेश से मंगवाए जाएंगे।
इस संबंधी जानकारी पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास एवं मछली पालन विभाग के मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने विभाग की उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अधीन पंजाब सरकार की तरफ से यह महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया गया है कि देसी गायों की नस्ल को उत्साहित करते हुए दूध उत्पादन में विस्तार किया जाये। इसी उद्देश्य के अंतर्गत बछडिय़ों की जन्म दर में विस्तार करने और निखट्टू बछड़ों की जन्म दर को घटाने के लिए लिंग निर्धारित किये हुए वीर्य के 50 हज़ार सैंपल विदेशों से मंगवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जहाँ इससे सडक़ोंं पर आवारा घूमते सांडों की समस्या से निजात मिलेगी वहीं इससे बछडिय़ों की संख्या बढऩे से सफ़ेद क्रांति का दूसरा दौर शुरू हो सकेगा।
स. सिद्धू ने बताया कि इसके साथ ही विभाग की तरफ से पटियाला में चलाए जा रहे भ्रूण बदलाव तकनीक प्रोग्राम (ऐंबर्यो ट्रांसफर टैकनॉलॉजी) की मज़बूती और विस्तार के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 7.73 करोड़ रुपए मंज़ूर किये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम के अंतर्गत एक दुधारू जानवर का भ्रूण दूसरे जानवर में तबदील किया जाता है, जिसका उद्देश्य दूध का उत्पादन बढ़ाना है।
मीटिंग में शामिल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. जी. वज्रलिंगम ने बताया कि पशुधन मिशन के अधीन भी भारत सरकार ने 5 करोड़ रुपए की राशि मंज़ूर की है, जिसके अंतर्गत सूअर और बकरी पालन फार्मों का विस्तार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि नाभा में सूअर फार्म की क्षमता बढ़ाकर लोगों को बढिय़ा नस्ल के सूअरों के बच्चे दिए जाएंगे। इसी तरह पटियाला जि़ले के कुल्ले माजरा में बकरियों के फार्म का विस्तार भी इसी योजना के अधीन किया जायेगा। इस फार्म में बीटल नस्ल की बकरियों की जन्म दर को बढ़ाया जायेगा।
स. सिद्धू ने आगे बताया कि इसी दिशा में लुधियाना जि़ले के गाँव मत्तेवाड़ा में पिग्ग प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से 1 करोड़ रुपए की राशि ख़र्च करके पशुओं का बीमा करने की योजना भी बनाई गई है।
इस अवसवर पर अन्यों के अलावा स. अमरजीत सिंह, डायरैक्टर पशुपालन, स. इन्द्रजीत सिंह, डायरैक्टर डेयरी विकास और श्री मदन मोहन, डायरैक्टर मछली पालन भी उपस्थित थे।