गन्नौर (सोनीपत).जनवरी 2017 में लापता हुई बेटी का सुराग लगाने के लिए पुलिस के सही कार्रवाई न करने व प्रताड़ना से तंग आकर 65 वर्षीय एक वैद्य ने मालगाड़ी के आगे कूदकर जान दे दी। वैद्य वीरचंद जैन राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हो चुके थे। गन्नौर के शास्त्री नगर में किराए के मकान में रह रहे वीरचंद गुरुवार सुबह 5 बजे रेलवे स्टेशन पर पत्नी के साथ पहुंचे। यहां पहुंचने में पत्नी पीछे रह गई, जबकि वे ट्रेन के आगे कूद गए।
उनके बैग से जीआरपी को एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें गन्नौर थाने के तत्कालीन प्रभारी देवेंद्र, पुलिस कर्मचारी शमशेर, सतीश, व रीडर लोकेश पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि इन्होंने सांठ-गांठ कर मामला दबा दिया। बेटी की डीएनए रिपोर्ट तक नहीं दी गई। जीआरपीएफ के एसएचओ ताराचंद ने बताया कि वीरचंद के बेटे राकेश की शिकायत पर चारों पुलिस कर्मचारियों पर प्रताड़ना का केस दर्ज कर लिया है।
आरोप निराधार : तत्कालीन एसएचओतत्कालीन गन्नौर थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि लड़की के लापता होने पर पुलिस ने जांच की थी। राजलू गढ़ी माइनर में एक युवती का शव मिला था। वैद्य के कहने पर उनकी पत्नी से मृतक युवती का डीएनए मैच कराया था, लेकिन डीएनए रिपोर्ट मैच नहीं हुई थी। इसके बाद भी लड़की की तलाश के लिए भरसक प्रयास किया गया। पुलिस पर लगाए आरोप निराधार हैं।
सुसाइड नोट में लिखा- एक युवती का शव मिला था, पुलिस ने डीएनए जांच कराई, रिपोर्ट तक हमें नहीं दी :वैद्य वीरचंद जैन ने जो सुसाइड नोट में लिखा है कि उनकी बेटी आरती जैन (26) जनवरी 2017 में जैन मंदिर में जाने के लिए निकली थी, जो घर नहीं लौटी। 29 फरवरी 2017 को एक युवती का शव राजलूगढ़ी माइनर में मिला। मैं उसकी पहचान करने पहुंचा।
पुलिस ने डीएनए जांच कराई, लेकिन रिपोर्ट तक नहीं दी गई। गन्नौर थाने में इंस्पेक्टर रहे देवेंद्र, शमेशर, सतीश व रीडर लोकेश ने मामले में सही कार्रवाई नहीं की। मामला सांठ-गांठ करके दबा दिया गया। बेटी का आज तक पुलिस पता नहीं लगा पाई। पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई करने के बजाय मुझे धमकाया। हम दोनों अपनी जिंदगी खत्म करने जा रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today