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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के उर्दू विभाग ने ‘सर सैयद दिवस’ पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया

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Chandigarh October 18, 2023

 

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के उर्दू विभाग ने ‘सर सैयद दिवस’ पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया

सर सैयद दिवस के अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के उर्दू विभाग में विभाग की साहित्यिक सोसायटी के तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इसमें इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया कि सर सैयद जैसी शख्सियत सदियों में पैदा होती है।

सर सैयद एक ऐसे रिफॉर्मर थे जिनकी जरूरत हमें हर युग में महसूस होगी। उन्होंने अलीगढ़ आंदोलन की शुरुआत करके भारतीयों में ज्ञान और कौशल के प्रति जागरूकता पैदा की और आने वाले समय में उन्हें भारत में आधुनिक शिक्षा और साहित्यिक विकास के पहले रहनुमा के रूप में याद किया जाता रहेगा ।अपने लेक्चर में डॉ. अली अब्बास ने आगे कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इसी शैक्षिक मिशन की एक कड़ी है जो उस युग में आधुनिक विज्ञान का स्रोत था।

पंजाब और सर सैयद के बारे में बात करते हुए डॉ. अली ने कहा कि जब सर सैयद की पंजाब यात्रा के दौरान यहां की महिलाएं उनसे मिलीं और अपनी शिक्षा के बारे में बात की, तो सर सैयद ने उनसे वादा किया कि वह महिलाओं के लिए उचित शिक्षा प्रदान करेंगे और गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन भी प्रदान करेंगे। और आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में हमारी आंखों के सामने है। डॉ. अली अब्बास ने अपने भाषण में छात्रों को सर सैयद से परिचित कराते हुए कहा कि सर सैयद देश और कौम के शुभचिंतक और हमदर्द थे ।

मोहसिन-उल-मुल्क के हवाले से डॉ. अली ने कहा कि सर सैयद रात में देश और देश के लोगों की चिंता में आंसू बहाते थे. इसके अलावा डॉ. अली ने सर सैयद के यात्रा वृत्तांतों के बारे में भी बात की, जिसमें उन्होंने पंजाब के यात्रा वृत्तांत की विशेष रूप से चर्चा की और कहा कि सर सैयद के पंजाब आगमन पर लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके भाषणों से लोगों में शिक्षा के प्रति जुनून पैदा हुआ,

यह उनके भाषणों का ही प्रभाव था कि पंजाब के मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों ने अपनी पॉकेट मनी से एकत्रित छोटी-छोटी रकम भी सर सैयद के शैक्षिक मिशन में अपने योगदान के तौर पर दे दी। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. ज़रीन फातिमा और उनके सहयोगियों (अरविंदर कौर, सिमरन, शमीम चौधरी, मुस्कान और सिमरन कौर) ने सर सैयद की याद में एक कविता के साथ की। बाद में, क्षेत्र के शोध विद्वानों ने सर सैयद के विभिन्न पहलुओं पर अपने पत्र पढ़े।

जिसमें शमीम चौधरी ने सर सैयद की ‘जीवनी और साहित्यिक सेवाएं’, खलीकुर्रहमान आवान ने ‘सर सैयद के निबंध’ और मुहम्मद सुल्तान ने ‘सर सैयद के लंदन के यात्रियों का यात्रा वृतांत’ पर बेहतरीन निबंध प्रस्तुत किए।  इस कार्यक्रम में मंच संचालन का दायित्व विभाग की छात्रा अमनदीप कौर सिंधु द्वारा निभाया गया।

अंत में फारसी विभाग के शिक्षक डॉ. जुल्फिकार अली ने प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।