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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

पंजाब विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू, पूर्व सीएम बादल भी पहुंचे

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चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज शुरू हो गया है। तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान की गई। सदन में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी पहुंचे। सदन ने लुधियाना अग्निकांड में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी।
यह सत्र भले ही सबसे छोटा होगा, लेकिन यह कई मायनों में अलग हो सकता है। संभावना है कि सत्र में विपक्ष ही आपस में उलझेगा और सत्ता पक्ष ‘दर्शक’ की भूमिका में रहेगा। ड्रग्स मामले में आप विधायक और नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा को समन जारी होना सत्र से पहले दिन सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। इस बीच खैहरा ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है।
वहीं, अगर सदन में अकाली दल ने अपना पैंतरा बदला और किसान कर्ज माफी व पेंशन जैसे मुद्दे उठाए, तो सरकार ने इसके लिए ‘जीएसटी’ की ढाल तैयार कर ली है। इन दिनों पंजाब की राजनीति भले ही खैहरा के इर्दगिर्द घूम रही हो, लेकिन कांग्रेस अच्छी तरह से जानती है कि अकाली दल कभी भी पैंतरा बदल सकता है।
अकाली दल शीतकालीन सत्र में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कवायद करेगा। कर्ज माफी की घोषणा खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बजट सत्र के दौरान की थी। पांच माह बीत जाने के बावजूद किसानों के हाथ खाली हैं। वहीं, अकाली दल किसान वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे को उठाने से चूकने वाला नहीं है। अकाली दल की हिट लिस्ट पर भले ही खैहरा हों, लेकिन अगर किसानों का मुद्दा नहीं उठाया तो किसानों के बीच गलत संदेश जाएगा। वहीं, अकाली दल की इस नीति को ट्रेजरी बेंच भी भलीभांति समझ रहा है।

सरकार ने की पलटवार की तैयारी
सरकार ने पहले ही जीएसटी के मुद्दे को सरगर्म कर दिया है। सरकार ने इस बात की पूरी तैयारी कर ली है कि किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठते ही जीएसटी के मुद्दे को आगे कर दिया जाएगा। इसके तहत पंजाब सरकार को 3600 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से लेने हैं। चूंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है और अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन है, इसलिए सरकार जीएसटी के माध्यम से अकाली-भाजपा को बैकफुट पर लाने का प्रयास करेगी।
अकाली दल को भी पता है कि किसान कर्ज माफी व पेंशन के मुद्दे पर न चाहते हुए भी आप को उनके साथ चलना पड़ेगा। चूंकि सत्र से पहले ही आम आदमी पार्टी में बिखराव नजर आ रहा है। खैहरा को लेकर आप विधायक दो धड़ों में बंटे हुए हैं। इसलिए अकाली दल सदन में हावी होकर मुख्य विपक्ष की भूमिका निशाने की भी कोशिश करेगा। सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पहले दिन श्रद्धांजलि देने के अलावा मात्र दो दिन का ही समय मिलेगा। सत्ता पक्ष को इस दौरान करीब एक दर्जन से ज्यादा बिल भी पास करवाने हैं।

जीएसटी पर सबसे पहले मनप्रीत ने दी थी बधाई : मजीठिया

अकाली विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया का कहना है कि जीएसटी पर सबसे पहले बधाई वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दी थी। आज वह उसे ही लेकर रो रहे हैं। कांग्रेस सदन में कुछ कहती है और बाहर कुछ और। कांग्रेस न सिर्फ सदन को गुमराह कर रही है, बल्कि लोगों को भी गुमराह कर रही है।