
- राजस्थान से लगते पंजाब के जिलों में टिड्डियों का हमला फिलहाल टला
- अफसरों-कर्मियों की छुट्टियां रद्द, पिछली गलतियों से लिया सबक
दैनिक भास्कर
May 31, 2020, 06:21 AM IST
चंडीगढ़. राजस्थान के सूरतगढ़ की ओर से हनुमानगढ़ तक पहुंचा टिड्डी दल का हमला पंजाब में फिलहाल टल गया है लेकिन इसके जुलाई से सितंबर के बीच कभी भी हमले की आशंका है। वहीं, पंजाब में किसानों की फसलों को टिड्डी दल के हमले से बचाने के लिए कृषि विभाग ने टिड्डी दल के पंजाब पहुंचने से पहले ही खात्मे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अब उम्मीद यह की जा रही है कि राजस्थान से सटे पंजाब के इलाकों में टिड्डी दल पहुंच सकता है। जिसके लेकर विभाग ने राजस्थान से सटे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।
विभाग के अधिकारियों ने इस बार टिड्डी दल से निपटने के लिए फुलप्रूफ प्लान बनाया है। टिड्डी दल के हमले को देखते हुए कृषि विभाग ने 42 टीमों का गठन किया है। इसके अलावा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है। इन टीमों को जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर पर तैनात किया गया है। ताकि हमला होते ही टीमें तुंरत एक्शन ले सकें। सूबे में 40 लाख हेक्टयेर से भी ज्यादा इलाके में खेती की जाती है।
दवा का स्टॉक किया तैयार
42 टीमें अलर्ट पर हैं। प्लान के मुताबिक किसानों को टिड्डी दल के हमले के बारे में जागरूक किया जा रहा है। छिड़काव के लिए दवा का स्टाक तैयार है। विभाग ने जरूरी चीजों की सूची तैयार की है। फसलों को बचाने को 1 करोड़ रुपये की दवाएं खरीद ली हैं। ताकि फायर ब्रिगेड, स्प्रे पंप की मदद से दवाओं का छिड़काव किया जा सकें। टिड्डियां ईरान के रास्ते पाकिस्तान से होते हुए देश पहुंची हैं।
फल-सब्जियों को खतरा
टिडि्डयां ज्यादातर हरी चीजों को नुकसान पहुंचाती हैं। पंजाब में इस समय फ्रूट, नरमा, किन्नू की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
टिड्डियों से कैसे निपटा जाए, क्या रहे रणनीति, साझा कर रहे जानकारी
पंजाब बाॅर्डर स्टेट है। इसकी सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। ऐसे में पाकिस्तान के रास्ते और राजस्थान के रास्ते से जून महीने में इस टिड्डी दल के पंजाब पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। विभाग के अधिकारियों ने हरियाणा और राजस्थान के अधिकारियों से भी बातचीत की है। जिसमें राजस्थान और हरियाणा एवं पंजाब में टिड्डी दल से निपटने के लिए तैयार की गई रणनीति पर चर्चा की गई। तीनों प्रदेशों ने अपने क्षेत्रों में टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी सांझा की है। ताकि टिड्डी दल से बचने के लिए अगर इन राज्यों में कुछ विशेष किया हो तो उसे पंजाब में भी प्रयोग में लाया जा सकें।
- पंजाब टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। विभाग ने अपनी रणनीति बना ली है और टीमों का भी गठन कर दिया है। विभाग के अधिकारी किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं। – काहन सिंह पन्नू, सचिव कृषि विभाग
एक्सपर्ट व्यू
टिडि्डयां नमी वाले क्षेत्रों की ओर रुख करती है। जबकि अंडे रेगिस्तान में देती हैं। 4 तरह की टिड्डियां हैं। सबसे खतरनाक रेगिस्तानी टिड्डियां हैं जोकि अपने वजन से ज्यादा खाकर 150 किलोमीटर रास्ता तय कर लेती है। – उदय भान सिंह कृषि वैज्ञानिक (रिटायर्ड)