Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

नाबार्ड पंजाब ने 42वां स्थापना दिवस मनाया

0
61

नाबार्ड पंजाब ने 42वां स्थापना दिवस मनाया

नाबार्ड, पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय ने 19 जुलाई 2022 को नाबार्ड का 42वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर श्री के.ए.पी. सिन्हा, आईएएस, विशेष मुख्य सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण, पंजाब सरकार ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम में श्रीमती दीपा बी गुहा, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड हरियाणा क्षेत्रीय कार्यालय, श्री देविंदर सिंह, आईएएस, प्रबंध निदेशक, पीएसटीसीबी, महाप्रबंधक-पीएससीएडीबी, पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और स्टाफ सदस्यों के अतिरिक्त पंजाब के सहकारी बैंकों के निदेशक मंडल के सदस्यों और जिला कार्यालयों में तैनात नाबार्ड के अधिकारियों ने भी ऑनलाइन भाग लिया।

श्री के.ए.पी. सिन्हा ने नाबार्ड के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए विकासात्मक वित्तीय संस्थान के रूप में नाबार्ड की अद्वितीय भूमिका की सराहना की और सिंचाई संरचनाओं के निर्माण, जिसकी कृषि क्षेत्र में अहम भूमिका है, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए राज्य में कृषि के विकास के लिए नाबार्ड के सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने राज्य में गेहूं और धान की मोनोकल्चर से लेकर बागवानी फसलों तक फसल पैटर्न में विविधता लाने की आवश्यकता पर बल दिया और फसल विविधीकरण के लिए इको सिस्टम के निर्माण के लिए नाबार्ड से सहयोग मांगा। उन्होंने पंजाब के बहुत बड़े भाग में फसलों को हुए नुकसान की हालिया बाढ़ की स्थिति का जिक्र करते हुए इस खराब स्थिति को कम करने और प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की फिर से बुआई के लिए राज्य द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में चर्चा की। उन्होंने सहकारी तंत्र को सशक्त करने की आवश्यकता और संस्थागत निर्माण में नाबार्ड द्वारा निभाई गई भूमिका को भी रेखांकित किया।

नाबार्ड पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक श्री रघुनाथ बी. ने ग्रामीण क्षेत्र के निर्माण में पिछले 41 वर्षों के दौरान नाबार्ड की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के गठन और संवर्धन के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लिए नाबार्ड द्वारा शुरू किए गए बहुत ही अनूठे कार्यक्रम का उल्लेख किया, जो दुनिया के सबसे बड़े सूक्ष्म ऋण कार्यक्रम में बदल गया। ग्रामीण ऋण के नियामक के रूप में नाबार्ड ने ऋण योजना और जिला ऋण संभाव्यतायुक्त योजनाओं की तैयारी की जिम्मेदारी ली। मुख्य महाप्रबंधक ने कृषि विकास के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता के बारे में चर्चा की। उन्होंने राज्य में एफपीओ को बढ़ावा देने के बारे में भी चर्चा की ताकि किसानों को मात्रा/संख्या की अधिकता से होने वाले लाभ मिल सके।

राज्य में सहकारी बैंकों के निदेशक मंडल को संबोधित करते हुए उन्होंने सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए भारत सरकार और नाबार्ड की पहल पर चर्चा की। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सहकारी बैंकों की विरासत 100 साल से भी अधिक पुरानी है, लेकिन बहुत बाद में आए बैंकों की तुलना में सहकारी बैंकों की बाजार हिस्सेदारी कम हो गई है। मुख्य महाप्रबंधक ने भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के “सहकार से समृद्धि” दृष्टिकोण को साकार करने में नाबार्ड के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला, जैसे पैक्स को बहुउद्देशीय सेवा समितियों के रूप में परिवर्तित करना, पैक्स को सामान्य सेवा केंद्र के रूप में बदलना और पैक्स द्वारा जन औषधि केंद्र, पेट्रोल पंप स्थापित करना आदि। उन्होंने ‘मॉडल सहकारी समिति अधिनियम’ को अपनाने, सहकारी समितियों के लिए राष्ट्रीय डाटा बेस और राज्य सहकारी विकास समिति और जिला सहकारी विकास समिति के गठन जैसे नए विकास पर भी बात की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने ”पंजाब में नाबार्ड” पुस्तिका का विमोचन किया। यह पुस्तिका पंजाब राज्य में नाबार्ड की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डालती है। कार्यक्रम के दौरान एक अन्य पुस्तिका “इकाई लागत 2024-25” का भी विमोचन किया गया। यह पुस्तिका संबंधित विभागों, वित्तीय संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालय के साथ किए गए व्यापक विचार-विमर्श का परिणाम है। यह पुस्तिका कृषि क्षेत्र में निवेश ऋण प्रदान करने के लिए बैंकरों के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी।

 

 

—————-