बुधवार को पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में नमो एप पर उनके मैसेजों का जवाब नहीं देने और सांसदों की कम सक्रियता पर नाराजगी जताई थी. उसके ठीक एक दिन बाद पीएम मोदी ने नमो एप के माध्यम से सांसदों से जानकारी मांगी है कि सरकार की योजनाओं का सांसदों के क्षेत्रों में क्या असर हो रहा है. साथ ही पीएम में उस पर सुझाव भी मांगा है. खास बात ये है कि सांसदों को जवाब भी इसी माध्यम से देना है वो भी 11 जनवरी तक.
प्रधानमंत्री ने सांसदों से सवाल किया है कि वो कौन सी योजनाएं हैं, जिनका सबसे बेहतर असर आपके क्षेत्रों में हो रहा है. आप अपने क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की रेटिंग कैसे करते हैं. क्या आप इन योजनाओं का लाभ उठाने वालों से सीधा मिलते हैं या फिर मेल, मैसेज से जानकारी पाते हैं. सही फीडबैक के लिए आप लोग कैसा तंत्र विकसित करना चाहते हैं. क्या आपको लगता है कि नमो एप पर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का पूरा ब्योरा होता है. इसी के साथ पीएम ने सांसदों से इस एप को लेकर कोई सलाह देने को भी कहा है.
नमो एप का लेटेस्ट वर्जन लेने वाले सांसदों की लगी भीड़
अब बात पीएम कि नमस्ते की है लिहाजा बीजेपी संसदीय दल के कार्यालय में सांसदों का दो दिनों से तांता लगा पड़ा है. एक के बाद एक सांसद पहुंच रहे हैं और अपने मोबाइल या फिर आईपैड पर नमो एप का लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करवा रहे हैं. बताया जाता है कि बीजेपी कार्यालय में न सिर्फ एप डाउटलोड किया जा रहा है बल्कि उनके फोन को संसद में वाईफाई से जोड़ा जा रहा है ताकि हर पल की पार्टी की रणनीति का उनको सीधा पता चल सके.
न्यू गवर्नमेंट नाम से नया सिस्टम डाला गया
पीएम मोदी के नमो एप को और सरल बना दिया गया है. खास बात ये है कि इसमें न्यू गवर्नमेंट कनेक्ट नाम से नया सिस्टम है जो सांसदों को सीधा पीएम से जोड़ेगा. इस एप में ग्रुप भी बना दिए गए हैं. सांसदों का एक ग्रुप है तो मंत्रियों का भी एक ग्रुप है और साथ ही पीएम से भी सीधा संवाद सांसद कर सकते हैं. अगर सांसद अपने क्षेत्र में भी है और बड़ी सभा कर रहा है तो भीड़ के साथ सीधी सेल्फी ली और सीधा पीएम को भेज सकता है. अपने क्षेत्र की योजनाओं के बारे में सीधा फीडबैक पीएम को दे सकेगा. यानि पूरी टीम बीजेपी अपने पीएम के साथ एक क्लीक में जुड़ जाएगी. जाहिर है मिशन 2019 का बिगुल बज चुका है और अपनी सरकार की योजऩाओं का असर जानने का और अपने सांसदों से सीधा तार जोड़ने का इससे बेहतर तरीका और मौका पीएम मोदी छोड़ना नहीं चाहते.