किसानों की तीन से चार महीने के मेहनत की कमाई खाने वाले आढ़ती का लाइसेंस डीसी प्रदीप कुमार के आदेश पर 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। पट्टी में रहने वाले गुरलाल सिंह की अनाज मंडी में 34 नंबर दुकान है और वहीं पर गुरलाल ट्रेडिंग कंपनी के नाम से आढ़त भी है।
आरोप है कि धान की तुलाई के निर्धारित वजन 37 किलो 500 ग्राम की बजाय वो लगभग 40 किलो तक बोरियों में धान भरता था। इसकी जांच मार्केट कमेटी के सचिव द्वारा की गई व उससे लिखित नोटिस भेज जवाब भी मांगा गया लेकिन जब उसने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया तो उसका लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। डीसी ने बताया कि इस निलंबन के बाद उक्त ट्रेडिंग कंपनी न तो कोई जीन्स खरीद सकती है और नहीं बेच सकती है।
डीसी प्रदीप कुमार सभरवाल ने बताया कि कुछ दिन पहले शिकायतें मिली थीं कि गुरलाल ट्रेडिंग कंपनी की तरफ से धान के तोल में हेराफेरी की जाती है। इसी सूचना के बाद मार्किट कमेटी की तरफ से टीम बना कर उक्त ट्रेडिंग कंपनी में पहुंच वहां पर पड़ी धान की बोरियों का वजन किया गया।
इस दौरान 38 किलो 600 ग्राम, 38 किलो 500 ग्राम, 38 किलो 100 ग्राम और 39 किलो 200 ग्राम पाया गया जबकि नियम के अनुसार बोरी का वजन 38 किलो 100 ग्राम होना चाहिए। जिसके के बाद उक्त ट्रेडिंग कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।
तरनतारन अनाज मंडी में लगी बोरियों का ढेर।
विभाग अधिकारियों ने सुबह की रेड : फूड एंड सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण के आदेश पर नापतोल विभाग नकोदर, नापतोल विभाग तरनतारन, असिस्टेंट फूड व सिविल सप्लाई और मार्केट कमेटी की टीम ने बुधवार की सुबह पट्टी मंडी में रेड की थी। इस दौरान कई आढ़तियों के वजन तोलने वाली मशीनों और उनके सर्टिफिकेट की भी जांच की। सबके सही पाए गए लेकिन न्यू बराड़ ट्रेडिंग कंपनी के पास वजन तोलने वाली मशीन का सर्टिफिकेट ही नहीं था। जिसके बाद उसे विभाग की ओर से मौके पर ही 2 हजार रुपए का जुर्माना वसूला गया।
सिर्फ मंडियों में वजन की चेकिंग दो लोग कर सकते हैं : मंडियों में बोरियों के वजन का अधिकार नियम अनुसार सिर्फ दो लोगों के पास है। इनमें मार्किट कमेटी के सचिव और नापतोल विभाग के अधिकारी। इनके अलावा कोई भी मंडियों में वजन की चेकिंग नहीं कर सकता। ऐसे में धांधली होना संभव है। कुछ दिन पहले किसान यूनियन और आढ़तियों के बीच भी इसी को लेकर तकरार हुई थी। किसान नेताओं ने मंडी में जाकर जब वजन दोबारा चेक करने की कोशिश की तो आढ़तियों और इन नेताओं के बीच तकरार हो गया था और मामला थाने तक पहुंचा था।
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