कुमुद दास, मुंबई.देश में डिजिटल माध्यम से वित्तीय लेन-देन तेजी से बढ़ा है। बड़ी संख्या में लोगों ने इसके लिए मोबाइल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। लेकिन अब यही मोबाइल निवेश का भी साधन बन गया है। देशभर में मोबाइल ऐप्सके माध्यम से निवेश करने वाले यूजर बढ़ रहे हैं। इंवेस्टिका, ग्रो, पेटीएम मनी, जिफी आदि ऐसे कुछ एप्स हैं जो इक्विटी या म्यूचुअल फंड में निवेश में सहायता कर रहे हैं।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुसार देश में इस समय करीब 50 लाख लोगों ने अलग-अलग ऐप्स के माध्यम से म्यूचुअल फंड और करीब 60 लाख लोगों ने शेयर में पैसा लगा रखा है। यानी एक करोड़ से ज्यादा यूजर विभिन्न ऐप्स की मदद से निवेश कर रहे हैं।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के सीईओ एनएस वेंकटेश कहते हैं कि अच्छी बात यह है कि इस प्लेटफॉर्म पर निवेश तेजी से होता है। यूजर्स को एडवाइजर की फीस भी नहीं चुकानी पड़ती है।हालांकि,ये जरूर है कि यूजर्स को थोड़ा फंड से जुड़े रिस्क की समझ होनी चाहिए। मशहूर ऐप इंवेस्टिका के सीईओ अमित सिंह कहते हैं कि हमारी कंपनी ने बीएसई के बीएसई स्टार म्यूचुअल फंउ से टाईअप किया है। इसलिए यह बेहद सुरक्षित है।
हाल ही में बेंगलुरू की फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी फर्म बेसिस ने भी सेबी से एक इंवेस्टमेंट ऐप लॉन्च करने का लाइसेंस लिया है। बेसिस की सीईओ और संस्थापक हिना मेहता कहती हैं कि हम इस एप की शुरुआत जल्द ही करने वाले हैं। इसका फोकस महिला निवेशक होंगी। हमारा लक्ष्य इस दिसंबर तक करीब 20,000 से 40 हजार महिलाओं को जोड़ना है।
कुछ ऐप्स जिनसे हो रहा है इंवेस्टमेंट
पेटीएम मनी | इंवेस्टिका | जिफी |
करीब एक साल पहले आया। इससे म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया जा सकता है। यह यूजर से कोई फीस नहीं लेता है। 6 लाख यूजर हैं। | येग्राहकों की बजाय फंड कंपनी से चार्ज लेती है। हालांकि सब्सक्रिप्शन चार्ज देना पड़ता है। ये 6 माह का 354 रु. है। करीब 1 लाख यूजर। | सभीएक्सचेंज पर स्टॉक का प्राइस ट्रैक करने की सुविधा देता है। प्राइस अलर्ट भी सेट किया जा सकता है। ताकि ट्रेडिंग आसान हो। 1.5 लाख यूजर। |
ज़ेरोधा: फर्म के दो ऐप हैं। काइट ऐप में डीमैट अकाउंट चाहिए। दूसरा ज़ेरोधा कॉइन है। कॉइन से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। काइट में 300 रु. अकाउंट ओपनिंग चार्ज लगता है।
सवाल-जवाब में समझें इससे जुड़ी जरूरी बातें
ऐप से निवेश क्यों करें?
- पहुंच ज्यादा है। एडवाइजर के पैसे नहीं देने पड़ते, निवेश अपने हिसाब से करते हैं।
- जिन्हें इस क्षेत्र की कम जानकारी है वो भी विशेषज्ञ से सलाह लेकर ऐप से निवेश शुरू कर सकते हैं।
पता क्या करें?
- पता होना चाहिए कि किस फंड में पैसा लगाना है। विश्वसनीय कंपनी के ही ऐप से निवेश करें।
सावधानी क्या रखें?
- एएमएफआई रजिस्ट्रेशन नंबर कोड चेक करें। इससे पता चलेगा कि ये ऐप एएमएफआई से रजिस्टर्ड है या नहीं। शेयर में निवेश कर रहे हैं तो सेबी रजिस्ट्रेशन आईडी मांगें।
ये कितने सुरक्षित हैं?
- अधिकांश म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट के ऐप खुद निवेशकों के पैसों को नहीं मैनेज करते हैं। वे बीएसई, एनएसई और एमएफ यूटीलिटी जैसे बैकएंड सिस्टम का इस्तेमाल फंड के ट्रांजेक्शन और सेटलमेंट के लिए करते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ऐप के माध्यम से निवेश सुरक्षित है।
- सभी इंवेस्टमेंट ऐप को सेबी के आईटी सिक्योरिटी नियमों का पालन करना पड़ता है। ऐसी कंपनियों को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया में डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर जुड़े रहना होता है। इन्हें सेबी में भी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर के तौर पर रजिस्टर रहना होता है।
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