गुरदासपुर। गुरदासपुर-श्रीहरगोबिन्दपुर रोड पर हुए एक दर्दनाक हादसे में एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मृतक दंपती के सिर इतनी बुरी तरह कुचले जा चुके थे कि पहचान होना भी बहुत मुश्किल था। अब परिवार की सिर्फ एक 10 वर्षीय बच्ची काजल ही बची है, जो अपने पापा के दोस्त के साथ दूसरी बाइक पर थी। वही एक मौके की चश्मदीद है। फिलहाल थाना तिब्बड़ पुलिस ने शवों को पोस्टमाॅर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है और ट्रैक्टर-ट्राॅली को कब्जे में ले फरार चालक की तलाश शुरू कर दी है।
राजमिस्त्री का काम करने वाला वीरू (42) निवासी संतोख नगर नजदीक कीड़ी अफगानां अपनी भांजी की शादी में शामिल होने के लिए परिवार के साथ गांव झबकरा जा रहा था। उसके साथ मोटरसाइकल पर पत्नी पिंदू व 3 वर्षीय बेटी प्रभजोत थी, जबकि उसकी बड़ी बेटी काजल उसके दोस्त गुरप्रीत की मोटरसाइकल पर बैठी हुई थी। बब्बेहाली के पास सामने से आ रही वीरू समेत तीनों बाइक सवारों को कुचलते हुए रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राॅली आग बढ़ गई, जो सामने से आ रही थी। ट्राॅली का पिछला पहिया वीरू व पिंदू के सिर से निकल गया, जिस कारण उनकी पहचान करने में भी दिक्कत हुई।
चल रही थी छोटी की सांसें, पर अस्पताल तक: वीरू के दोस्त गुरदीप पुत्र अजीत सिंह निवासी मेशी डोगर ने बताया कि वह वीरू के साथ ही राजमिस्त्री का काम करता है। वह भी वीरू के परिवार के साथ शादी में जा रहा था। वीरू की बड़ी बेटी काजल उसके साथ बाइक पर थी, जो पीछे मम्मी-पापा की तरफ देख रही थी। हादसा होते ही काजल ने कहा, ‘अंकल मम्मी पापा का एक्सीडेंट हो गया’। बाइक रोक देखा तो ट्रैक्टर-ट्राॅली ऊपर से गुजर जाने की वजह से दोस्त आैर भाभी की मौत हो चुकी थी, जबकि 3 वर्षीय प्रभजोत की सांसें चल रही थी। किसी तरह प्रभजोत को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों के बयानों पर दर्ज होगा मामला: थाना तिब्बड़ के प्रभारी शाम लाल ने कहा कि शवों को पोस्टमाॅर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है। ट्रैक्टर-ट्राॅली को कब्जे में ले लिया गया है, जबकि उसका चालक मौके से फरार हो चुका था। अब वीरू के परिजनों के बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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