सुखबीर सिंह बाजवा, चंडीगढ़.स्टूडेंट्स से 20-22 लाख लेकर जाली डॉक्यूमेंट पर उन्हें पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भेजने की आरोपी मोहाली के फेज-10 की सी-बर्ड इमिग्रेशन इंटरनेशनल कंपनी पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है। ईडी ने कंपनी की 8 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच कर दी है।
कुछ समय पहले ऑफिस पर हुई रेड में जाली सर्टिफिकेट तैयार करने के लिए तहसीलदार की जाली मुहरें, चार बैंकों की जाली मुहरें, एक दर्जन से ज्यादा हार्ड डिस्कें, 10 लैपटाॅप, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की जाली मुहर, प्राइवेट अस्पतालों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की जाली मुहरें, पीएनबी की 1000 से ज्यादा खाली एफडी, लैटर हेड, एक पिस्तौल और अन्य सामान बरामद किया गया था।
शिक्षा बोर्ड के सर्टिफिकेट भी खुद करते थे तैयार :
कंपनी का एक डायरेक्टर प्रितपाल सिंह और एक अन्य डायरेक्टर है। स्टूडेंट्स के एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, बैंक की एफडी के अलावा पीएसईबी और हिमाचल बोर्ड के जाली सर्टिफिकेट ये लोग खुद ही बनाते थे। ईडी ने 17 अक्टूबर 2017 को जांच शुरू की थी।
ऑस्ट्रेलिया में दाखिले के लिए 22 लाख वसूलते थे :
कंपनी के डायरेक्टर प्रितपाल का आॅस्ट्रेलिया के कुछ काॅलेजों में भी शेयर है। वह यहां से स्टूडेंट्स को उन काॅलेजों में एडमिशन दिलाने का लालच देते थे। इसके बदले में 20 से 22 लाख प्रति छात्र वसूलते थे। इन्हें विदेश भेजने के लिए जाली दस्तावेज तैयार करते थे।
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