दावोस. यहां चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) में दुनियाभर से राजनेता और बिजनेस लीडर्स पहुंच रहे हैं। एक तरफ ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर और पर्यावरणविद डेविड एटनबरो ने सभी नेताओं से जलवायु परिवर्तन पर तुरंत एक्शन प्लान बनाने की बात कही है। वहीं, इस बार दावोस में सम्मेलन में हिस्सा लेने विश्व के नेता 1500 रिकॉर्ड विमानों से पहुंच रहे हैं।
एयर चार्टर सर्विस (एसीएस) के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस बार दावोस सम्मेलन में प्राइवेट जेट की संख्या में 11% बढ़ी है। स्वीडन की 16 साल की एक्टीविस्ट ग्रेटा थॉनबर्ग भी दावोस पहुंचीं। उन्होंने कहा कि अमीर देशों के नेता भविष्य की पीढ़ियों और गरीब देशों से उनका ईंधन छीन रहे हैं।
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एसीएस में प्राइवेट जेट डायरेक्टर एंडी क्रिस्टी का कहना है कि नेताओं और बिजनेसमैनों बड़े एयरक्राफ्ट लाने का ट्रेंड बढ़ा है। इसकी एक वजह लंबी दूरी की यात्रा हो सकती है लेकिन यह भी संभव है कि कोई बिजनेसमैन अपने प्रतिद्वंद्वी से कमतर नहीं दिखना चाहता। पिछले साल सम्मेलन में 1300 एयरक्राफ्ट पहुंचे थे। 2013 के बाद से यह संख्या सबसे ज्यादा थी।
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एसीएस के मुताबिक- बीते 5 सालों में जिन पांच देशों के सबसे ज्यादा विमान आए, उनमें जर्मनी, फ्रांस, यूके, अमेरिका, रूस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) प्रमुख हैं। वहीं फोरम ने एसीएस के विश्लेषण को विवादित करार दिया है।
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डब्ल्यूईएफ के ओलिवर कान का कहना है कि हम यहां आने वाले प्रतिभागियों को सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करने के लिए बाकायदा भुगतान करते हैं। हमने यहां आने वाले लोगों से यह भी कहा है कि वे चाहें तो विमान में शेयरिंग भी कर सकते हैं। लेकिन कुछ सालों से काफी कुछ लोकप्रियता हासिल करने के लिए भी किया जा रहा है।
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ब्ल्यूईएफ की बैठक से पहले पिछले हफ्ते ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें साफतौर पर कहा गया कि दुनिया में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई खास प्रयास नहीं किए जा रहे।
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एटनबरो को पर्यावरण पर उनके काम के लिए क्रिस्टल अवॉर्ड दिया गया। उन्होंने कहा कि हमें धरती और पर्यावरण सुधारने के लिए हमें आज से कोशिश करनी पड़ेगी। तब जाकर इसका असर हजारों साल बाद दिखाई देगा।
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स्वीडन की एक्टीविस्ट ग्रेटा थॉनबर्ग बुधवार को ट्रेन से दावोस पहुंचीं। उनके मुताबिक- विमान पर्यावरण को कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इससे पहले ग्रेटा यूरोप, जापान और अमेरिका में प्रदर्शन कर सरकारों से जलवायु परिवर्तन पर सख्त फैसले लेने की अपील कर चुकी हैं।
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थॉनबर्ग पिछले महीने पोलैंड में भी कॉप24 सम्मेलन में क्लाइमेट चेंज को लेकर दी गई तीखी स्पीच के चलते सुर्खियों में रही थीं। हाल ही में उन्होंने ट्विटर पर वीडियो मैसेज में कहा कि कंपनियों और कानून-निर्माताओं को सख्त फैसले लेने होंगे। पूंजीवाद अनैतिक नहीं है लेकिन इसके द्वारा सही फैसले न लिया जाना अनैतिक है।