जनरल के. जे. एस. टाइनी ढिल्लों ने किया साहित्य पत्रिका कवितावली के स्वतंत्रता विशेषांक का अनावरण
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली साहित्यिक मासिक पत्रिका कवितावली के स्वतंत्रता विशेषांक का अनावरण समारोह के मुख्य अतिथि, लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. एस. ढिल्लों (सेवानिवृत ) द्वारा उनके कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर पत्रिका की संयुक्त संपादक, प्रो. अलका कांसरा साथ रहीं। अगस्त अंक का अनावरण करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लों को देशवासी टाइनी ढिल्लों के नाम से भी जानते हैं।
कवितावली परिवार के लिए वे पल बहुत ही गर्वानुभूति के पल रहे, इस अनावरण समारोह के शुभ अवसर पर ग्रेट ब्रिटेन से पत्रिका के मुख्य संपादक श्री सुरेश पुष्पाकर, जिन्होंने मंच का संचालन करते हुए, मुख्य अतिथि, लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. एस. ढिल्लों का स्वागत किया तथा उनके सैन्य जीवन से जुड़े अनुभवों पर संक्षिप्त वार्ता की।
लेफ्टिनेंट जनरल टाइनी ढिल्लों ने अपने अनेक संस्मरण सुनाते हुए अपने संदेश में कहा कि एक अच्छा नागरिक बनने के लिए ईमानदारी, वफादारी, जिम्मेदारी हमेशा तीन शब्द लेकर चलें तभी आप सफल हो सकते हैं नहीं तो आप अयोग्य हो जाएंगे।
पत्रिका के संपादक प्रेम विज तथा डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी, संयुक्त संपादक सुश्री संतोष गर्ग ‘तोष’ तथा डॉ. विनोद शर्मा के साथ-साथ देश-विदेश से अनेक रचनाकार इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे। पटना से कवि मधुरेश नारायण व प्रयागराज से कवि दुर्गेश प्रयागी ने सुमधुर कंठ द्वारा अपने वीर रस से भरे गीत समारोह में गाकर माहौल को देश भक्तिमय बना दिया।
कवितावली के मुख्य संपादक सुरेश पुष्पाकर ने अपने वक्तव्य में कहा कि इतिहास गवाह है, भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में एक तरफ जहाँ स्वतंत्रता सेनानी अपने देश की आज़ादी के लिए संघर्षरत थे, वहीं ये कलम के सिपाही वीर रस से भरी कविताओं का गान कर उन्हें प्रोत्साहित कर रहे थे। कवितावली परिवार उन वीर योद्धाओं को श्रद्धा सुमन अर्पित करती है, जिन्होंने अपने देश की आन-बान और शान की खातिर अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
समारोह के अंत में प्रयागराज के डॉक्टर अरुण कुमार त्रिपाठी ने विनम्र शब्दों से मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल टाईनी ढिल्लों जी, समस्त संपादक मंडल तथा स्वतंत्रता विशेषांक अनावरण समारोह के साक्षी बने सभी कवियों व साहित्यकारों का धन्यवाद किया।
साहित्य पत्रिका कवितावली में भारत, ग्रेट ब्रिटेन, इंडोनेशिया, अमेरिका, कैनेडा व देश-विदेश के रचनाकारों की कविताएं , दोहे, घनाक्षरी, चौपाईया व लघु कथाएं प्रकाशित की गई हैं। “पत्रिका पूर्ण रूप से देश भक्ति रचनाओं से भरी है तथा कलात्मक ढ़ंग से सुसज्जित एक उत्कृष्ट श्रेणी की पत्रिका है,” ऐसा मुख्य अतिथि, लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. एस. ढिल्लों ने पत्रिका पर टिप्पणी करते हुए कहा।