अहमदाबाद. जब तक किसी चीज का अनुभव नहीं होता, तब तक केवल उसका अनुमान ही लगा सकते हैं। अनुभव होने पर समस्या का हल मिल जाता है। इसे साबित किया है अहमदाबाद के प्रोफेसर एन सत्यनारायण ने। वह पिछले तीन साल सेछात्रों को होने वाली मुश्किलों को जानने के लिए खुदक्लेट (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) कीऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं।इसके साथ वह 800 छात्रों को क्लेट की तैयारी करवा रहे हैं।
2015 से पहले क्लेट की परीक्षा देने के लिए आयु सीमा निर्धारित थी, लेकिन इसके बाद सरकार ने परीक्षा देने के लिए इसे हटा लिया। तभी से वह छात्रोंके साथ ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। परीक्षा के दौरान छात्रों से हुई गलतियों को नए बैच के छात्र न दोहराएं इसके लिए वह छात्रों को खास टिप्स देते हैं।प्रोफेसर तीन साल सेक्लेट मेंऑल इंडिया टॉप-500 में स्थान भी हासिल कर रहे हैं।
परीक्षा देकर मुझे बहुत कुछ समझ आया : एन सत्यनारायण ने बताया, “परीक्षा के दौरान छात्र किन बातों का ध्यान रखें, यह छात्रों को सभी समझाते हैं, लेकिन अगर प्रश्नपत्र में मुश्किल सवाल पूछा जाए या फिर एकदम सरल प्रश्नपत्र मिले तब क्या करना चाहिए, इसे कोई नहीं बताता। परीक्षा में निर्धारित समय में प्रश्नपत्र हल करने के प्रेशर में छात्र कौन सी गलतियां करते हैं?परीक्षा देने सेयह मुझे समझ में आया है।” उन्होंने बताया कि भविष्य के छात्र ऐसी गलतियां न करें, इसके लिए मैं अपने अनुभव सेउन्हें समझाता हूं। मैं परीक्षा में जीके के प्रश्नों का उत्तर नहीं लिखता। इसके बावजूद ऑल इंडिया के रैंक में टॉप-500 में शामिल होता हूं।
किसी भी तनाव के बिना परीक्षा देनी चाहिए
प्रोफेसर एन सत्यनारायण ने कहा कि मैं हर साल परिणाम की चिंता किए बगैर परीक्षा देता हूं। इससे मुझे अच्छा परिणाम मिलता है। मैं छात्रों को यही बात समझाता हूं किसी भी तरह के तनाव के बगैर परीक्षा दें, तो जरूर अच्छा परिणाम आएगा। आपकीचिंता और डर का असर परीक्षा पर पड़ता है।सत्यनारायण नेबताया कि ऑनलाइन परीक्षा में छात्रों को पहले सभी प्रश्नों को समझ लेना चाहिए।कम समय में ज्यादा स्कोर हासिल हो उस सेक्शन से पेपर शुरू करें।टफ सेक्शन को छोड़ इजी सेक्शन के उत्तर लिखें, इसके बाद बाकींसेक्शन का उत्तर दें।
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