Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

चुनाव आयोग का दावा- EVM का दुरुपयोग रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार

0
289

गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से जुड़े संदेहों को दूर करने की कोशिश की. आयोग ने कहा है कि ईवीएम के किसी भी संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए ‘सुरक्षा प्रोटोकॉल, प्रक्रियागत पड़ताल और व्यवस्था का एक विस्तृत ढांचा’ तैयार किया जा चुका है.

आयोग ‘मतदान प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता व विश्वसनीयता’ लाने के लिए पहली बार राज्य के सभी 50128 मतदान केंद्रों पर वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है.

वीवीपीएटी मशीन में एक पर्ची निकलती है जिस पर उस प्रत्याशी का नाम व उसका चुनाव चिन्ह होता है जिसके पक्ष में वोट दिया गया है. यह एक पारदर्शी खिड़की के जरिए मतदाता की निगाहों के सामने सात सेकेंड तक रहती है.

आयोग ने एक बयान में कहा है कि सभी ईवीएम और वीवीपीएटी की सुरक्षा जांच का प्राथमिक चरण पूरा कर लिया गया है. इसके तहत सभी ईवीएम व वीवीपीएटी को लेकर एक ‘मॉक वोटिंग’ की गई. इस दौरान जिन भी मशीनों में गड़बड़ी पाई गई, उन्हें फैक्ट्री भेज दिया गया ताकि इनका इस्तेमाल चुनाव में न हो सके. प्राथमिक चरण की जांच के बाद मशीनों को स्ट्रांग रूम में रख दिया गया है जिसकी चौबीसों घंटे निगरानी हो रही है.
बयान में कहा गया है कि चुनाव से पहले के अलावा, इसके दौरान और बाद में इन्हें हिफाजत से रखे जाने के सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है.

बयान में कहा गया है कि प्रत्याशियों के नाम वर्णानुक्रम में होंगे. इनमें पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तर की मान्यता प्राप्त पार्टियों के प्रत्याशियों के नाम होंगे, इसके बाद राज्य स्तर पर पंजीकृत पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम होंगे और इसके बाद निर्दलीयों के नाम होंगे. किसी पार्टी विशेष के प्रत्याशियों के नाम सभी विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग नंबरों पर होंगे, इन्हें पहले से तय नहीं किया जा सकेगा और इससे किसी गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी.

स्ट्रांग रूम (जहां ईवीएम रखी जाएंगी) की दो चाबियां होंगी. एक जिले के निर्वाचन अधिकारी के पास होगी और दूसरी संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी के पास होगी. इनकी सुरक्षा में कई स्तरों पर सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे और सबसे अंदर वाले दायरे में केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान तैनात रहेंगे.

बयान में कहा गया है, “आयोग देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता है कि वह चुनावों की शुद्धता और विश्वसनीयता को बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.”