बलटाना की गोल्डन इस्टेट कॉलोनी में सालों से बारिश के पानी की निकासी का प्रबंध न होने पर यहां गंदा पानी लोगांे के घरों के अंदर तक घुस जाता है। लोगों ने कहा कि पंचकूला की ओर से जब भी पानी ज्यादा आता है, तो यहां घरों में पानी भर जाता है। इसी तरह से ढकौली की एमएस एन्क्लेव कॉलोनी के बाहर भी पानी की निकासी का प्रबंध नहीं है। दाेनों ही जगहों पर बारिश के पानी की निकासी के प्रबंध के लिए 2.7 करोड़ से काम होगा।
मंगलवार को कांग्रेस के नेता दीपिंदर सिंह ढिल्लों ने जीरकपुर एमसी को पंजाब सरकार की ओर से इस काम के लिए पहली किस्त के रूप में 40 लाख का चेक सौंपा। ढिल्लों ने ईओ सुखजिंदर सिंह से कहा कि काम में देरी नहीं होनी चाहिए। बाकी की रकम भी जल्दी ही सरकार रिलीज करेगी। काम शुरू करने के बाद बाकी पैसा भी एमसी को सरकार देगी।
गोल्डन इस्टेट में पानी की लोगांे के घरों में इसलिए पहुंचता है कि यहां करीब एक किलोमीटर में नाले को पूरी तरह से जमीन के अंदर कर दिया गया है। नाले के कुदरती स्वरूप को बदला गया है। निकासी का दायरा भी पैसों के लालच में डीलरों ने तंग कर दिया है। लोगांे का कहना है कि यहां कभी नाला खुले में बहता था। जीरकपुर एमसी ने डीलरों से सांठगांठ कर नाले के ऊपर लेंटर डालकर उसमें बने मकानों के नक्शे पास किए हैं। जबकि, दूसरी ओर पानी की निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया है। यहां कुछ दिन पहले पंचकूला प्रशासन के साथ मिलकर पानी की निकासी पर काम करने की योजना बनी, पर वह इंतजाम भी कम पड़ गए हैं।
सिटी रिपोर्टर | जीरकपुर
बलटाना की गोल्डन इस्टेट कॉलोनी में सालों से बारिश के पानी की निकासी का प्रबंध न होने पर यहां गंदा पानी लोगांे के घरों के अंदर तक घुस जाता है। लोगों ने कहा कि पंचकूला की ओर से जब भी पानी ज्यादा आता है, तो यहां घरों में पानी भर जाता है। इसी तरह से ढकौली की एमएस एन्क्लेव कॉलोनी के बाहर भी पानी की निकासी का प्रबंध नहीं है। दाेनों ही जगहों पर बारिश के पानी की निकासी के प्रबंध के लिए 2.7 करोड़ से काम होगा।
मंगलवार को कांग्रेस के नेता दीपिंदर सिंह ढिल्लों ने जीरकपुर एमसी को पंजाब सरकार की ओर से इस काम के लिए पहली किस्त के रूप में 40 लाख का चेक सौंपा। ढिल्लों ने ईओ सुखजिंदर सिंह से कहा कि काम में देरी नहीं होनी चाहिए। बाकी की रकम भी जल्दी ही सरकार रिलीज करेगी। काम शुरू करने के बाद बाकी पैसा भी एमसी को सरकार देगी।
गोल्डन इस्टेट में पानी की लोगांे के घरों में इसलिए पहुंचता है कि यहां करीब एक किलोमीटर में नाले को पूरी तरह से जमीन के अंदर कर दिया गया है। नाले के कुदरती स्वरूप को बदला गया है। निकासी का दायरा भी पैसों के लालच में डीलरों ने तंग कर दिया है। लोगांे का कहना है कि यहां कभी नाला खुले में बहता था। जीरकपुर एमसी ने डीलरों से सांठगांठ कर नाले के ऊपर लेंटर डालकर उसमें बने मकानों के नक्शे पास किए हैं। जबकि, दूसरी ओर पानी की निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया है। यहां कुछ दिन पहले पंचकूला प्रशासन के साथ मिलकर पानी की निकासी पर काम करने की योजना बनी, पर वह इंतजाम भी कम पड़ गए हैं।