स्पोर्ट्स रिपोर्टर | अमृतसर
‘गुरु-शिष्य’ परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। लेकिन आज प्रतिस्पर्द्धा के युग में ‘गुरु-शिष्य’ की परंपरा एक तरह कम हो रही है। भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परपंरा के अंतर्गत गुरु अपने शिष्य को शिक्षा देता है या कोई विद्या सिखाता है। बाद में वहीं शिष्य गुरु के रूप में दूसरों को शिक्षा देता है। यहीं क्रम चलता जाता है।
सोमवार को गोलबाग स्टेडियम में इसी परपंरा को आगे बढ़ाते 15 वर्षीय अभी भंडारी ने भारतीय कुश्ती टीम के कोच विक्रम शर्मा को अपना गुरु धारण किया। इस दौरान सबसे पहले स्टेडियम में हवन यज्ञ करवाया गया। सभी पहलवानों, जिला कुश्ती संस्था के सदस्यों और राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने आहुतियां डाली। अभी भंडारी के पिता अश्वनी भंडारी ने कहा कि वह खुद नेशनल स्तरीय पहलवान रहे है, लेकिन उनका सपना अपने बेटे को इंटरनेशनल स्तर पर देखने का है। जिसके लिए उन्होंने इसे इंटरनेशनल कोच का शिष्य डाला है। विक्रम शर्मा ने बताया कि अब तक उनके 70 के करीब शिष्य नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर उनका नाम रोशन कर चुके है। अभी उनके पास अंडर-15 तक स्टेट में मेडल जीत चुका है। डिस्ट्रिक्ट कोच करण शर्मा ने बताया कि अखाड़े मे जब भी कोई शिष्य गुरु धारण करता है तो हवन करवाया जाता है। ताकि प्राचीनकाल से चली आ रही इस परंपरा को कायम रखा जाए। उन्होंने कहा कि एक तरह से इस हवन यज्ञ से अखाड़ा भी शुद्ध हो जाता है। इस मौके विधायक सुनील दत्ती ने कहा कि अखाड़े के विकास को लेकर टेंडर लगा दिया गया है, जल्द ही अखाड़े की खामियों को दूर कर इसे सुंदर बनाया जाएगा। इस अवसर पर हलका नार्थ के विधायक सुनील दत्ती, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी, पार्षद विकास सोनी, इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ल्ड के सी. वाइस चेयरमैन परमजीत बतरा, इंस्पेक्टर पवन शर्मा, पूर्व जिला खेल अधिकारी सोहन सिंह, रमन कुमार, काली पहलवान, कमल पहलवान, लाली पहलवान, बूटा पहलवान, इंस्पेक्टर नीरज कुमार, बब्बी पहलवान, कमल पहलवान, जसवंत पहलवान के अलावा शहर के विभिन्न अखाड़ों के पहलवान मौजूद थे।
गोलबाग स्टेडियम में हवन यज्ञ में आहुतियां डालते इंटरनेशनल कोच विक्रम शर्मा, अश्वनी भंडारी, अभी भंडारी, कोच करण शर्मा और अन्य। -भास्कर