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- lata mangeshkar never gone critically ill because of her food habits and controlled lifestyle
Dainik Bhaskar
Nov 12, 2019, 10:35 PM IST
बॉलीवुड डेस्क. स्वर कोकिला लता मंगेशकर पिछले दो दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं। उन्हें सीने में संक्रमण की शिकायत है। यह पहला मौका है, जब लता मंगेशकर का स्वास्थ्य इतना खराब हुआ है। 90 साल की लता को इससे पहले कभी गंभीर बीमारी नहीं हुआ। इसकी वजह यह है कि पिछले करीब 2 दशक से लता की जीवनशैली बेहद संतुलित रही है। इसका जिक्र उन पर लिखी गई कई किताबों में मिलता है। हालांकि, इससे पहले लता सीफूड और तीखे-मसालेदार खाने की शौकीन रही हैं। कोल्हापुरी मिर्च उन्हें बेहद पसंद रही है।
लता ने इंटरव्यू में कहा था- उम्र की वजह से तीखा खाना नहीं खा पाती
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लता को एक जमाने में इंदौर का गुलाब जामुन और दही बड़े भाते थे। गोवन फिश करी और समुद्री झींगे उनकी पसंदीदा डिश थीं। लता खुद एक बेहतरीन मेजबान और कुक के तौर पर जानी जाती थीं और सूजी का हलवा उनकी खास डिश थी। उनके हाथ का चिकन पसंदा जिसने भी खाया है, वह जल्दी भूल नहीं पाता। हालांकि, एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उम्र के कारण अब वे अपना पसंदीदा तीखा और मसालेदार खाना नहीं खा पाती हैं। इतना ही नहीं 2016 में आशा भोसले के बेटे आनंद के जन्मदिन पर उन्होंने सालों बाद पसंदा बनाया था। जिसका जिक्र उन्होंने सोशल मीडिया पर भी किया था।
Anand ke janamdin pe uski pasand ka Pasanda maine saalo’n baad banaya wo Meena ki beti Rachana taste kar rahi hai. pic.twitter.com/qACDe9gdVZ
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) June 12, 2016
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जलेबी के अलावा फ्रेंच और मैक्सिकन डिश पंसदीदा
- यतीन्द्र मिश्र द्वारा लिखी गई लता मंगेशकर की बायोग्राफी ‘लता सुर गाथा’ के अनुसार उन्हें जलेबी कुछ ज्यादा ही पसंद है। खास तौर पर कड़क हो और बहुत सारे केसर के साथ परोसी हुई।
- वे समोसे की शौकीन हैं, मगर भारत में प्रचलित आलू और मटर वाले समोसे नहीं, कीमा भरे समोसे, जो मोमोज जैसे होते हैं।
- उन्हें नींबू और कैरी का अचार पसंद है। मिठाई में शाही टुकड़ा बेहद लाजवाब लगता है और अक्सर ज्वार की रोटी उनकी थाली में शामिल रहती है।
- मैक्सिकन, चाइनीज और फ्रेंच व्यंजनों की शौकीन सुर-साम्राज्ञी को इटालियन खाना कम पसंद है और सबसे मजेदार बात यह कि वे सब्जियों की दुश्मन हैं। यह अलग बात है कि डॉक्टरों की सख्त हिदायत के चलते कि विटामिन से भरी इन सब्जियों को उन्हें खाते रहना है। अक्सर सब्जियां भी इसलिए खाती हैं कि वे जरूरी हैं।
- अनिल कुमार और मनीष कुमार की किताब ‘भारत रत्नास’ में लता जी की फूड हैबिट्स का जिक्र है। उन्होंने लिखा है- लता मंगेशकर की आवाज सिर्फ उनके गले के कारण नहीं बल्कि नियंत्रित खान-पान के कारण भी है। वे अपने खाने में कोल्हापुरी मिर्च को खासा महत्व देती रही हैं।
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सुबह 6 बजे उठ जाती हैं लता
2008 में दिए एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने बताया था कि वे सुबह जल्दी उठती हैं। अक्सर यह समय सुबह के 6 बजे के बाद का होता था। नाश्ते में चाय-कॉफी के साथ बिस्किट लेती हैं। उन्होंने स्पाइसी, ऑइली खाना और आचार पिछले 10 साल से बेहद कम कर दिया है।
- कभी भी ठंडा पानी नहीं पीती हैं। साथ ही दही और खट्टा भी कभी नहीं खाती हैं। लता जी को सीफूड पसंद रहा है।
- दोपहर के खाने में रोटी, सब्जी खातीं। जिसमें दाल जरूर होती है। लता जी को पानी पुरी पसंद है लेकिन वे चाट नहीं खाती हैं।
- डिनर में केवल दाल-चावल ही खाती हैं। डिनर टाइम भी रात 9.30 बजे फिक्स है।
- गाजर का हलवा उनका पसंदीदा डेजर्ट है और उन्हें केसर बादाम वाला दूध भी पसंद है। सोने से पहले वे रोजाना एक गिलास दूध पीती हैं।
- सीजनल फ्रूट्स में उन्हें आम पसंद हैं। साथ ही उन्हें हर तरह का कुजीन पसंद है, चाहे वह गुजराती हो या चाइनीज।
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पद्मा की किताब में लिखा था- लता को दिया था धीमा जहर
कुछ साल पहले यह खबरें भी आईं थीं कि 1962 में जब लता 32 साल की थीं तब उन्हें धीमा जहर दिया गया था। लता की बेहद करीबी पद्मा सचदेव ने इसका जिक्र अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में किया है। जिसके बाद राइटर मजरूह सुल्तानपुरी कई दिनों तक उनके घर आकर पहले खुद खाना चखते, फिर लता को खाने देते थे। हालांकि, उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया।
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