खादी आश्रम चंडीगढ़ ने चरखा संघ के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया।
खादी आश्रम चंडीगढ़ ने सेक्टर 17 में अपने खादी शोरूम में चरखा संघ की शताब्दी मनाई। इस कार्यक्रम में यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार श्री राजीव वर्मा की पत्नी सुश्री रचना वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।
खादी ग्राम संस्था के सचिव श्री संजय कुमार शर्मा ने सुश्री वर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, जिनमें पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनीष शर्मा, चंडीगढ़ प्रशासन के जनसंपर्क निदेशक श्री राजीव तिवारी और आयुष की वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. आरती वर्मा शामिल थीं।
खादी शोरूम के दौरे के दौरान श्रीमती रचना वर्मा ने कारीगरों की कड़ी मेहनत की सराहना की और उनके नेक काम के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत के फैशन उद्योग में खादी की बढ़ती उपस्थिति पर प्रकाश डाला, इसकी स्थिरता और स्थानीय कारीगरों को मिलने वाले समर्थन का उल्लेख किया।
प्रोफेसर मनीष शर्मा ने 1925 में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित चरखा संघ के महत्व पर बात की। उन्होंने आर्थिक आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका के बारे में बताया, चरखे को औपनिवेशिक वस्तुओं के खिलाफ़ गरिमा और प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में महत्व दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे चरखा संघ स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देता है और हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए रोज़गार के अवसर प्रदान करता है।
श्री राजीव तिवारी ने कारीगरों को प्रेरित करने और गांधी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भरता मॉडल को बढ़ावा देने के लिए और अधिक लाइव प्रदर्शनों का आग्रह किया। कार्यक्रम का समापन श्री संजय शर्मा द्वारा सभी उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने के साथ हुआ।