राजधानी हरियाणा.मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि धानक समाज के परंपरागत कपड़ा बुनाई के उद्योग को दोबारा शुरू करने के लिए कौशल विश्वविद्यालय में कपड़ा बुनने के कोर्स को शामिल कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका मकसद रोजगार के योग्य बनाना है, ताकि वे स्वरोजगार स्थापित कर पाए। धानक समाज के कल्याण के लिए बनी पंजीकृत लगभग 40 संस्थाओं को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वे सोमवार को प्रदेश भर से आए धानक समाज के लोगों से अपने आवास पर बातचीत कर रहे थे।
सीएम ने उनकी समस्याएं सुनी व प्रदेश के विकास के लिए सुझाव मांगे। मुख्यमंत्री ने धानक समाज के लोगों से कहा कि आज के आधुनिक युग में मशीनरी का उपयोग करके और युवाओं को प्रशिक्षित करें। इस समाज के कपड़ा बुनने जैसे पैतृक कार्य को फिर से शुरू करने के लिए वे 4-5 लोगों की एक कमेटी बनाएं जो सभी संभावनाओं का अध्ययन करेगी।
इसके लिए एक प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजें। समाज के प्रतिनिधियों ने सुझाव रखे व धानक समाज को श्रेणी ए का दर्जा देने की मांग रखी। सीएम ने कहा कि 11 जिलों में 11 छात्रावास बनाए जा रहे हैं, जिसमें 50% अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित होंगे और 50 प्रतिशत अन्य जातियों के छात्रों के लिए होंगे।
हमारा काम राज नहीं, सेवा :
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज भोगना हमारा काम नहीं है, हमने राज को सेवा भाव के साथ जोड़कर एक नई राजनीति का निर्माण किया है। समाज के उन लोगों को आगे आना चाहिए जो साधन-संपन्न हैं।
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