*कोई विजन नहीं, दिशाहीन बजट : प्रेम गर्ग*
आम आदमी पार्टी के प्रेम गर्ग ने केंद्रीय बजट की वार्षिक कवायद को नई बोतल में पुरानी शराब की तरह बताया है। हर साल वित्त मंत्री का भाषण आने वाले वर्ष में आर्थिक क्रांति का संकेत देता है, लेकिन कोई भी पिछले वर्षों के बजट भाषणों की समीक्षा करने की जहमत नहीं उठाता। इस साल का बजट भी आंकड़ों के इंद्रजाल की उसी रूटीन तर्ज पर है और किसी भी स्थायी समस्या का समाधान नहीं करता है। जिसका सामना देश, बेरोजगारी, महंगाई, किसान की आय, बाहरी कर्ज, सरकारी उधारी, लगातार बढ़ता बजट घाटा आदि जैसी समस्याओं से कर रहा है। जब तक देश भ्रष्टाचार मुक्त शासन और वित्तीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग की ओर नहीं बढ़ता है, तब तक वार्षिक बजट केवल दिखावे की कवायद ही बनकर रह जाएगा।
वित्त मंत्री को समग्र समृद्धि और जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में राष्ट्र के उत्थान के मूड के लिए एक आर्थिक रोडमैप देना चाहिए था।