चंडीगढ़। किसानों को दो लाख रुपये तक दी जाने वाली कर्ज माफी के लिए केंद्र सरकार पंजाब को 3240 करोड़ रुपये का कर्ज देने को तैयार हो गई है। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि किसानों का कर्ज माफ करने की शुरुआत 7 जनवरी से की जानी है लेकिन इसके बारे में अंतिम फैसला 28 को होने वाली मीटिंग में किया जाएगा। सरकार के पास इस समय 6.42 लाख किसानों के बैंक खाते पहुंच चुके हैं जिनकी वेरिफिकेशन करवाई जा रही है।
प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनांस अनिरुद्ध तिवारी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी फूड एंड सप्लाई केएपी सिन्हा पिछले हफ्ते इस मसले को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मिले थे। चूंकि पंजाब सरकार हर साल पहले ही अपनी कुल जीएसडीपी (ग्र्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) का 3.5 फीसद कर्ज पूरा लेती है। फिस्कल रिस्पांसबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) एक्ट के तहत सरकार जीएसडीपी का 3.5 फीसद से ज्यादा लोन नहीं ले सकती, इसलिए पंजाब सरकार ने केंद्र से इस लिमिट को बढ़ाने की मांग की थी जिसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया।
दरअसल पंजाब के अलावा उप्र, महाराष्ट्र व कर्नाटक सरकारों ने भी किसानों का कर्ज माफ करने की केंद्र से गुहार लगाई हुई है जिसे वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि राज्य सरकारें अपने स्रोतों से कर्ज माफी के चुनावी वादे को निभाएं।
पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने पांच फूडग्रेन खरीद एजेंसियों के 31000 करोड़ रुपये के कर्ज को केंद्र सरकार के दबाव में अपने ऊपर ले लिया था जिसकी सालाना किश्त 3240 करोड़ रुपये बनती है। यह कर्ज भी स्पेशल टर्म लोन के रूप में केंद्र सरकार ने एफआरबीएम की सीमा से बाहर जाकर दिया था। राज्य सरकार ने केंद्र से कहा कि एक साल में राज्य सरकार जितनी राशि लौटाती है, केवल उतनी राशि ही अतिरिक्त लोन के रूप में दी जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली आदि से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मुलाकात भी कर चुके हैं।
आखिर बीच का रास्ता निकालते हुए केंद्र सरकार इस बात पर राजी हो गई है कि एफआरबीएम लिमिट से बाहर जाकर उतनी राशि का अतिरिक्त लोन दे दिया जाए जितना फूडग्रेन के कर्ज में पंजाब सरकार वापस कर रही है। इसको अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही केंद्र सरकार फैसला कर देगी और संभवत: मार्च से यह राशि मिलनी शुरू हो जाए।
4650 करोड़ का इंतजाम पंजाब सरकार ने अपने स्रोतों से किया
किसानों का दो लाख रुपये तक का लोन माफ करने के लिए पंजाब सरकार को 9400 करोड़ रुपये की दरकार है। केंद्र से 3240 करोड़ की मंजूरी मिलने से पहले ही पंजाब सरकार ने अपने स्रोतों से 4650 करोड़ रुपये का कर्ज जुटा लिया है और शेष बचे 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में ही रखा गया है।
याद रहे कि मंडियों में बिकने वाले अनाज पर मार्किट फीस और रूरल डेवलपमेंट फीस में एक -एक फीसद की वृद्धि करके 4650 करोड़ रुपये की किश्त अदा की जाएगी। पहले यह फीस 2 फीसद ली जाती थी, अब तीन फीसद ली जाएगी। इससे सरकार को 960 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी।