चंडीगढ़, 03 मई : राज्य सभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी के सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने कहा है कि 05 जून शनिवार को किसानों के द्वारा मनाए जाने वाले सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता भी हरियाणा भर में किसानों के समर्थन में सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनायेंगें तथा जहां जहां भी किसान संगठन जो-जो विरोध कार्यक्रम आयोजित होगा,आम आदमी का एक एक कार्यकर्ता किसानों के साथ कन्धा से कंधा मिला कर उनके साथ विरोध प्रदर्शन करेंगें।
राज्य सभा सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही किसान आंदोलन में किसानों के साथ संसद से सडक तक साथ खडी रही है तथा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक पार्टी का बच्चा बच्चा किसानों के साथ अंत तक खड़ा रहेगा। यह बात आज आम आदमी पार्टी सांसद व हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने पूरे हरियाणा के पदाधिकारियों के साथ गूगल मीट के बाद कही तथा सभी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को आदेश दीये की पार्टी का प्रत्येक कायकर्ता पूरे हरियाणा में किसानों के जहां जहां भी प्रदर्शन हों उनके साथ डट कर साथ खड़े रहें तथा जिस शहर में किसानों के कार्यक्रम न हों वहाँ पार्टी कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में सरकार विरोधी नारे लगा कर पार्टी की तरफ से प्रदर्शन करें।
डा गुप्ता ने कहा कि पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। उन्होंने आंदोलन में सर्दी, गर्मी तथा बरसात तक को नहीं देखा। इस दौरान आंदोलन में 500 से अधिक किसानों को काल ने अपने ग्रास में ले लिया। इसके बावजूद भी किसान अपने हक के लिए अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ बातचीत तक करनी बंद कर दी है। वार्ताओं के 11 चक्रों के बावजूद किसानों की मांगों के पूरा होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। क्योंकि कॉर्पोरेट क्षेत्र को फायदा पहुंचाने के लिए दृढ संकल्प यह सरकार दिखावटी संशोधन करने पर राजी है,कानूनों को वापिस लेने पर नहीं। इस रवैये के खिलाफ़ किसानों ने जिस तरह का जीवट प्रदर्शन किया है,वह एक एतिहासिक मिसाल बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा खडे किए गए तमाम अवरोधों के बावजूद किसानों को उनकी जगह से हिला भी नही सकी हैं। सरकार को राष्ट्र हित में किसानों की मांग मानते हुए सम्मान पूर्वक समाधान निकालना चाहिए। सरकार को अपनी हठधर्मिता छोडकर सकारत्मक नजरिये के साथ आगे बढ़ना चाहिए। पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा ने एक कदम आगे बढ़कर सरकार को बातचीत का प्रस्ताव भेजा है। अब सरकार को भी आगे बढ़कर किसानों से बातचीत को श्रेय चढाना चाहिए। यह आन्दोलन आजाद भारत का सबसे बडा अनुशासित आन्दोलन बन गया है। ये वही किसान हैं जो देश की जनता का पेट भरते हैं। इन्होंने देश के अनाज भंडारों को भरा है तथा इस महामारी में भी देश की अर्थव्यवस्था को सम्भालने का काम किया है। कोरोना काल में जब देश की अर्थव्यवस्था नकारत्मक गति से नीचे जा रही थी तब सिर्फ कृषि क्षेत्र ही था जो किसानों की अथक मेहनत के बूते पर सकारात्मक गति से तरक्की कर्ता रहा। देश का आनन्दाता आज मन्दी, महंगाई और महामारी के बीच फंसा हुआ है। अपने नागरिकों की जायज मांग मानना हर लोकतांत्रिक सरकार का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि सरकार तो आती जाती रहती हैं कुछ लोग सत्ता के अंहकार में किसानों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए अन्नदाता का अपमान भारतमाता का अपमान है।
डा गुप्ता ने कहा किसानों की केवल एक ही मांग है कि सरकार तीनों काले कानून वापस ले तथा एमएसपी की गांरटी दें। मोदी सरकार कहती तो है पर करती नहीं। प्रधानमंत्री जी किसानों की शहादत के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं जो न केवल चिंतनीय है,अपितु दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
हरियाणा सहप्रभारी डा गुप्ता ने ऐसा ही सौतेला व्यवहार करने का आरोप हरियाणा सरकार पर भी लगाया। गुप्ता ने कहा पहले तो सरकार आंदोलन वापस लेने के लिए समझौता करती है। दूसरे ही दिन किसानों पर पुलिस द्वारा लाठी डंडे चलती है। हरियाणा मुख्यमंत्री का यह दोहरा चरित्र नहीं तो क्या है! उन्होंने कहा जब तक सरकार इन तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसान संघर्ष करते रहेंगे। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते रहेंगे। उन्होंने फतेहाबाद में जजपा विधायक देवेंदर बबली द्वारा किसानों के साथ गाली गलोच करने और उनके साथ दादागीरी से पेश आने को दुर्भाग्य पूर्ण करार दिया।
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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020