कराची. भारत में 28 दिसंबर से होने वाले हॉकी विश्व कप में पाकिस्तान का भाग लेना संदिग्ध है। दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने देश की राष्ट्रीय हॉकी टीम को आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) ने टीम के आने-जाने के खर्च और खिलाड़ियों के बकाए का भुगतान करने के लिए पीसीबी से ऋण देने की मांग की थी।
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पाकिस्तान के मुख्य कोच ताकिर दार और मैनेजर हसन सरदार ने बताया कि उन्होंने पीसीबी प्रमुख एहसान मनि से इस संबंध में बातचीत की थी। उनसे विश्व कप में होने वाले खर्चों के लिए ऋण देने का आग्रह किया था।
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दार ने बताया, ‘एहसान के साथ हमारी गुरुवार को बैठक होनी थी, लेकिन जरूरी मामलों के कारण उन्होंने हमसे फोन पर ही बातचीत की। एहसान ने स्पष्ट किया कि पीसीबी पीएचएफ को किसी तरह का ऋण नहीं दे सकता है।’
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दार के मुताबिक, ‘ऋण देने से मना करने के पीछे एहसान की दलील थी कि पाकिस्तान हॉकी महासंघ ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) तौकिर जिया के कार्यकाल के दौरान जो ऋण लिया था, उसे अब तक लौटाया नहीं है।’
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दार ने बताया, ‘एहसान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उन्हें अपने वित्तीय सलाहकारों और लेखा परीक्षकों को जवाब देना है। हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया कि वे हमें आथिर्क संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार और प्रायोजकों से बात करेंगे।’
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दार ने बताया कि उन्होंने पीसीबी अध्यक्ष से कहा है कि वे प्रधानमंत्री इमरान खान से कहें कि पीएचएफ को धन देने की बजाय सरकार खुद ही होटल बिल और खिलाड़ियों के बकाए का भुगतान कर सकती है।
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पीएचएफ सचिव शाहबाज अहमद ने भी बताया कि राष्ट्रीय टीम की विश्व कप में भाग लेने की संभावना कम है। पीएचएफ ने सरकार से 80 लाख रुपये का अनुदान देने की मांग की थी, लेकिन उसकी ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
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शाहबाज अहमद ने कहा, ‘एक सप्ताह के अंदर अनुदान जारी करने के लिए हमने अब सीधे प्रधानमंत्री सचिवालय को लिखा है। अगर वह मंजूर नहीं हुआ तो हमारे लिए टीम को भारत भेजना मुश्किल होगा।’
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हॉकी विश्व कप ओडिशा के भुवनेश्वर में 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच खेला जाएगा। शाहबाज ने कहा, ‘अगर टीम विश्व कप में नहीं खेली, तो इससे न सिर्फ हॉकी जगत में हमारी छवि धूमिल होगी, बल्कि हमें एफआईएच को जुर्माना भी देना होगा।’
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बता दें कि पाकिस्तान के हॉकी खिलाड़ियों को अभी एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी और उस टूर्नामेंट से पहले लगाए गए अभ्यास सत्र के दैनिक भत्तों का अब तक भुगतान नहीं किया गया है।