Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

आतंकवादी घुसपैठ को रोकते हुए शहीद हुए गांव तेपला निवासी लंास नायक विक्रमजीत सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

0
822
चण्डीगढ़:जम्मू एवं कश्मीर के गुरेज सैक्टर में 6 अगस्त को आतंकवादी घुसपैठ को रोकते हुए शहीद हुए गांव तेपला निवासी लंास नायक विक्रमजीत सिंह का आज उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव तेपला व क्षेत्र के हजारों लोगों ने शहीद को अश्रूपूर्ण विदाई दी और भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, जब तक सूरज-चंाद रहेगा, विक्रमजीत सिंह तेरा नाम रहेगा व बोले सो निहाल-सतश्री अकाल के जयघोष के बीच शहीद का संस्कार किया गया। सेना व पुलिस की टुकड़ी ने हथियार उल्टे करके, मातमी धुन बजाकर और हवा में गोलिया दागकर शहीद को सलामी दी।
हरियाणा सरकार की ओर से स्वास्थ्य, खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री श्री अनिल विज ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र भेंट करके श्रद्धांजलि दी और परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने इस मौके पर मीडिया को बताया कि सरकार ने 8 अगस्त को ही शहीद की धर्मपत्नी श्रीमती हरजीत कौर, पिता बलजिन्द्र सिंह और माता कमलेश कौर के बैंक खाते में 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता जमा करवा दी है। इस राशि में से 23.34 लाख रूपए शहीद की धर्मपत्नी, 13.33 लाख रुपए पिता बलजिन्द्र सिंह और 13.33 लाख रुपए शहीद की माता कमलेश कौर के बैंक खाते में डाले गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार के निर्णय के तहत शहीद की धर्मपत्नी को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी और इसके लिए अम्बाला के उपायुक्त व जिला सैनिक बोर्ड के सचिव को आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अलावा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी, स्थानीय विधायक श्रीमती संतोष चौहान सारवान, विधायक असीम गोयल, उपायुक्त श्रीमती शरणदीप कौर बराड़, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार, सेना टू-कोर के जीओसी एस.एस. सिधु, ब्रिगेडियर के.एस. निज्जर, अतिरिक्त उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह, सैनिक बोर्ड के उपनिदेशक वी.एम. शर्मा मुख्य रूप से शामिल हैं। 
शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार सांय लगभग 6.00 बजे एयरफोर्स स्टेशन अम्बाला छावनी पंहुचा था और रात को पार्थिव शरीर सेना अस्पताल के मोर्चरी हाउस में रखा गया था। आज प्रात: 8 बजे फूलों से सजी हुई सेना की गाड़ी व अन्य वाहनों के काफिले के रूप में तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया गया। गांव के प्रवेश मार्ग पर ही हजारों युवा, महिला व पुरूष शहीद के सम्मान के लिए उपस्थित थे और काफिल पंहुचते ही पूरा वातावरण भारत माता की जाय, विक्रमजीत सिंह अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद और बोले सो निहार-सतश्री अकाल के गगनभेदी जयघोषों से गूंज उठा। शहीद के सम्मान में न केवल पूरा गांव बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के लोग, जिला व पुलिस प्रशासन भी पहले से तैनात था। शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया गया, जहां परिजनो ने अंतिम दर्शन किए और वहां उपस्थित हजारों की भीड़ में हर आंख नम थी। इसके उपरांत मेजर सलीम सय्यद की अगुवाई में सेना के पाईपर बैंड के साथ पार्थिव शरीर को गांव में गुरूद्वारा साहिब ले जाया गया और वहां से शमशान भूमि में संस्कार किया गया। संस्कार के समय पिता बलजिन्द्र सिंह, माता कमलेश कौर और छोटा भाई मोनू सिंह शोक में होने के बावजूद विक्रमजीत सिंह की शहादत पर गर्व महसूस कर रहे थे और सभी गांव वासियों ने विक्रमजीत सिंह की शहादत पर गर्व करते हुए कहा कि बचपन से ही देश सेवा की इच्छा रखने वाले इस युवा ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहादत हासिल की है। यह जिला का एक ऐसा गांव है, जहां प्रत्येक परिवार से लगभग एक सदस्य सेना में सेवारत है और कारगिल युद्ध में भी इस गांव से मेजर गुरप्रीत सिंह ने शहादत हासिल की थी। उसके उपरांत इसी गांव के दो अन्य सैनिक हरजिन्द्र सिंह व विनोद सिंह ने भी देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं।
शहीद के दादा भी कर चुके हैं सेना में रहकर देश की सेवा
विक्रमजीत सिंह एक साधारण किसान परिवार से सम्बन्धित थे और उनके पिता बलजिन्द्र सिंह ने बड़ी मेहनत और चुनौतियों का सामना करते हुए परिवार का पालन-पोषण किया। शहीद के दादा करतार सिंह सेना में सेवा कर चुके हैं और उन्होंने ने अपने दोनो पौत्रों विक्रमजीत सिंह व मोनू सिंह को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया। विक्रमजीत सिंह 5 वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे और इसी वर्ष 15 जनवरी को यमुनानगर जिला से सम्बन्धित हरप्रीत कौर से उनकी शादी हुई थी। उनके छोटे भाई मोनू सिंह भी सेना में हैं और इस समय असम में तैनात हैं। शहीद की माता कमलेश कौर एक धार्मिक विचारों की महिला हैं और उन्होंने अपने बेटों को बचपन से ही देश सेवा के लिए प्रेरित किया।
शहीद के अंतिम संस्कार में सढ़ौरा के विधायक बलवंत सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन लाल कुमार, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना, पूर्व मंत्री चौ. निर्मल सिंह, पूर्व विधायक जसबीर मलौर, राजबीर बराड़ा, भाजपा नेता अमित सारवान, बलविन्द्र सिंह, मंागे राम पंजैल, रवि सहगल, राज सिंह, अजय बवेजा, भूतपूर्व सैनिक वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अतर सिंह मुल्तानी सहित विभिन्न राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी व प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में इलाकावासी शामिल हुए।