चंडीगढ़.31 अक्टूबर को सेक्टर-52 के एक मकान में इनकम टैक्स ऑफिसर बन ठगी करने के मामले को पुलिस ने सॉल्व कर लिया है। पुलिस ने पीड़ित के जीजा समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान पटियाला के 24 साल के विरेंदर सिंह, 28 साल के मनीष कुमार, 27 साल के प्रेम कुमार, बरनाला के 35 साल के अमरबीर सिंह, 25 साल के विक्की कुमार और 45 साल के भुपिंदर के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से ठगा हुआ सामान भी बरामद कर लिया है। आरोपियों ने बताया है कि बॉलीवुड मूवी स्पेशल 26 देखकर उन्हें यह आइडिया आया था। जांच में सामने आया कि आरोपी घर में दाखिल हुए और उन्होंने खुद को इनकम टैक्स ऑफिसर बताया। अपने आईडी कार्ड भी दिखाए और उसके बाद पूरे घर की सर्च की।
इस दौरान करीब साढ़े 8 लाख कैश और चांदी के तीन किलो गहने लेकर चले गए। घर के मालिक को पप्पू को कह गए कि सेक्टर-43 में उनके ऑफिस आ जाना। पप्पू जब वहां गया तो वहां पर कोई ऑफिस ही नहीं था।
}ऐसे बनाया प्लान :
विरेंदर पटियाला के पास लगते गांव गलोली में रहता है। उसका प्राइवेट काम है। विरेंदर का चचेरा भाई रमनदीप शिकायतकर्ता पप्पू की मौसी की बेटी का पति है। उससे ही विरेंदर को पता लगा था कि पप्पू के घर में कैश है। वह अपने दोस्त प्रेम कुमार के पास गया। प्रेम कुमार ठगी के लिए राजी हो गया। वह विक्की और चरणजीत सिंह के पास गए। दोनों का पहले ही क्रिमिनल बैक राउंड है। दोनों पर लूट के मुकद्दमे व मारपीट के केस दर्ज है। इसके बाद उन्होंने अन्य के साथ भी संपर्क साधा।
}15 दिन पहले विरेंदर ने दिखाया घर :
वारदात से 15 दिन पहले विरेंदर घर दिखाने के लिए इनके साथ चंडीगढ़ आया। घर दिखाने के बाद वे वापस चले गए। इसके बाद विरेंदर अपने घर पर रहा, जबकि अन्य कार से चंडीगढ़ आ गए। अमरबीर और विक्की घर में इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर अंदर दाखिल हुए। मनीष घर के बाहर ही खड़ा रहा, जबकि प्रेम कुमार और भुपिंदर सिंह घर से थोड़ी दूरी पर कार में ही बैठे हुए थे।
}पुलिस जानती थी जानकार का ही हाथ, 25 रिश्तेदारों से की पूछताछ :
पप्पू घर की दूसरी मंजिल पर रहता था। पप्पू की तीन मौसी है। सभी घर बनाने के लिए रुपए जोड़ रहे थे और सारी नकदी पप्पू के पास रखी जाती थी। आरोपी घर में पहली मंजिल या ग्राउंड फ्लोर के बजाय सीधा दूसरी मंजिल पर गए। इस बात के चलते पुलिस यह जानती थी कि वारदात के बाद पीछे किसी करीब का हाथ हो सकता है। इसलिए पप्पू के 25 रिश्तेदारों से पूछताछ की गई।
}खुद घर था ताकि पकड़ा न जाएं :
पुलिस ने सभी रिश्तेदारों से पूछताछ की। सभी की कॉल लोकेशन भी चेक की गई। लेकिन कोई भी फोन ठगी होने वाले घर के पास नहीं मिला। आरोपी वरिंदर वारदात वाले दिन खुद अपने घर पर ही था। जब पुलिस ने पूछताछ करनी शुरू कर दी तो वरिंदर की बातों पर पुलिस को थोड़ा शक हुआ। फिर उससे डिटेल में बात की गई, तो वह मान गया।
आरोपी आपस में सारे रुपए बांट चुके थे। सभी को गिरफ्तार कर उनसे यह रुपए व चांदी बरामद की गई है।-निलाबंरी विजय जगदाले, एसएसपी यूटी
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